डिजिटल मार्केटिंग पर दो दिवसीय सेमिनार,भारत और विदेशों के विशेषज्ञों द्वारा किया निर्देशित…
प्रदेश के होम स्टे संचालकों को अधिक से अधिक एक्सपोजर देने व मार्केटिंग के नए आयामों से अवगत कराने के उद्देश्य से आयोजित दो दिवसीय सेमीनार का आयोजन सोमवार को म.प्र. जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान (वाल्मी) में आयोजित। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के सहयोग से आयोजित सेमीनार में देश-विदेश के विशेषज्ञों ने होम-स्टे के प्रचार-प्रसार, मूल्य निर्धारण और डिजिटल मार्केटिंग पर संचालकों का मार्गदर्शन किया।
श्री हेरोल्ड गुडविन, संस्थापक निदेशक, इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म (ICRT), मुख्य अतिथि ने कहा कि ग्रामीण पर्यटन और होम-स्टे की अवधारणा सबसे प्रामाणिक और यादगार अनुभव प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि ये होम-स्टे और स्थानीय व्यंजन पर्यटकों को प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों को रहने और घूमने के लिए बेहतर स्थानों के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है। होम-स्टे यात्रियों को प्रकृति के करीब रहने का अवसर प्रदान करता है। वे हमारी संस्कृति के बारे में भी बताते हैं।
संगोष्ठी में श्री रिचर्ड हर्न (ग्रामीण और जिम्मेदार पर्यटन सलाहकार), सुश्री मनीषा पांडे (निदेशक, आईसीआरटी इंडिया चैप्टर), श्री पी.पी. खन्ना, एडीटीओआई के राष्ट्रीय प्रमुख, डॉ. आनंद कुमार सिंह, प्राचार्य, आईएचएम भोपाल एवं उपस्थित थे। एमपी। कौशल विभाग पर्यटन बोर्ड के निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिंह उपस्थित थे।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (आईएचएम) में रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म – रिस्पॉन्सिबल फूड पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार में स्थानीय व्यंजनों को बढ़ावा देने पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। आईसीआरटी के श्री गुडविन ने ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन विकास के संदर्भ में भोजन के अनुभव के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ये स्थानीय खाद्य पदार्थ पर्यटकों को एक नया अनुभव प्रदान करते हैं, जिसे केवल स्थानीय लोग ही तैयार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण भोजन का अनुभव विपणन का सबसे अधिक लागत प्रभावी रूप है, जो ग्रामीण पर्यटन के लिए व्यावसायिक लाभ के रूप में काम कर सकता है।