विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की 162वीं जयंती के अवसर पर आज गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला अस्पताल परिसर में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा का अनावरण किया और टैगोर वाटिका एवं संग्रहालय का शिलान्यास किया. इस मौके पर उन्होंने नवनिर्मित हमर लैब का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बिसाहू दास महंत जी जन्मशती शृंखला के अंतर्गत कवि गुरुदेव रवीन्द्रनाथ की जयंती पर भारतीय सांस्कृतिक न्यास की अनुज्ञा से भाषाविद एवं संगीतज्ञ डॉ. चितरंजन कार ने ‘रवीन्द्र संगीत’ की शानदार प्रस्तुति दी. टैगोर।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. महंत ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर एक महान व्यक्ति थे. उनकी स्मृति इस क्षेत्र से जुड़ी हुई है। सितंबर 1902 में वे अपनी पत्नी मृणालिनी देवी को क्षय रोग का इलाज कराने के लिए अस्पताल आए। उन्होंने अपनी पत्नी को ठीक करने में बहुत समय बिताया। डॉ. महंत ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर ने गांधी को ‘महात्मा’ की उपाधि दी थी। टैगोर जी एक विश्व प्रसिद्ध कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के नोबेल पुरस्कार विजेता हैं। इन्हें गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। वह एक दूरदर्शी थे जिन्होंने बंगाली साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान फूंक दी। वह एशिया के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता हैं।
इस अवसर पर राजस्व मंत्री एवं जिला प्रभारी श्री जय सिंह अग्रवाल, कोरबा सांसद सुश्री ज्योत्सना महंत, मरवाही विधायक डॉ. के.के. ध्रुव, पाली-तानाखार विधायक श्री मोहित केरकेट्टा, सोनहत विधायक श्री गुलाब सिंह कामरो, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग सदस्य सुश्री अर्चना पोर्ते, राज्य युवा आयोग सदस्य श्री उत्तम वासुदेव, राज्य मदरसा बोर्ड सदस्य श्री शाहिद राइन और कई तीन- स्तरीय पंचायती राज संस्थान। जनप्रतिनिधि, गणमान्य लोग उपस्थित थे।