युवा ऊर्जा भारत के विकास में मिलेगी मदद,केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बेंगलुरु में ‘एग्रीयूनिफेस्ट’ का किया उद्घाटन…
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत एक विशाल लोकतंत्र है जिसकी विशेषता जनसंख्या है और दूसरा हमारी 60 प्रतिशत जनसंख्या युवा है। ये दोनों ताकतें मिलकर इतनी महान हैं कि अगर हम एक-दूसरे के पूरक हों तो भारत न केवल किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है बल्कि उन चुनौतियों को जीतने में भी पूरी तरह सक्षम है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अमृत महोत्सव से लेकर अमृतकाल तक अगले 25 वर्षों का नामकरण किया यदि इसका सही उपयोग किया जाए और हमारे देश की युवा आबादी की ऊर्जा का भी सदुपयोग किया जाए तो 2047 तक हम निश्चित रूप से अपने देश को एक विकसित देश के रूप में देख पाएंगे। भारत।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के सहयोग से बंगलौर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 5 दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘एग्रीयूनिफेस्ट’ में यह बात कही। 60 राज्य कृषि विश्वविद्यालयों/डीम्ड विश्वविद्यालयों/माध्यमिक विश्वविद्यालयों के 2500 से अधिक प्रतिभाशाली छात्रों ने भाग लिया और 5 विषयों (संगीत, नृत्य, साहित्य, रंगमंच, ललित कला) में 18 आयोजनों में अपने कौशल का प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय कृषि विश्वविद्यालय युवा महोत्सव की परिकल्पना और पहल आईसीएआर द्वारा 1999-2000 में कृषि विश्वविद्यालय के युवाओं की प्रतिभा को पोषित करने और भारतीय संस्कृति की सराहना करने के लिए विभिन्न भारतीय संस्कृतियों को जोड़कर भारतीय कृषि को एकीकृत करने के लिए की गई थी। विविधता। सुंदरता का प्रतिनिधित्व करें।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री तोमर ने कहा कि जीवन के प्रत्येक क्षण का सदुपयोग करना समय की मांग है। विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई एक तरफ है, लेकिन जब व्यक्ति का समग्र विकास होता है, तो वह अपने परिवार, समाज, संस्था, राज्य और देश के विकास में अधिक योगदान दे सकता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी हमेशा इस बात पर जोर देते हैं कि हमारे देश के प्रत्येक नागरिक की सोच और दृष्टि समग्र होनी चाहिए और उन्हें मिलकर अपने देश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाना चाहिए। श्री तोमर ने कहा कि आज के समय में तकनीक का बहुत महत्व है। कृषि में तकनीक का प्रयोग भी जरूरी है। सभी क्षेत्रों में पारदर्शिता लाने के लिए तकनीक की बहुत आवश्यकता है और जो काम वर्षों से नहीं हुआ था उसे दिनों में किया जा सकता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी इस बात पर जोर देते हैं कि हमारे हर कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग और मध्यस्थता नहीं होनी चाहिए। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है जिसमें अब तक बिना किसी बिचौलिये के डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में 2.40 करोड़ रुपये की राशि दी जा चुकी है जो निश्चित तौर पर आश्चर्यजनक है. प्रधानमंत्री श्री मोदी की पहल से आज भारत कैशलेस लेन-देन में बड़े विकसित देशों से बहुत आगे है और यह चमत्कार पिछले सात-आठ वर्षों में हुआ है।
श्री तोमर ने कहा कि भारत में अलग-अलग भाषाएं, अलग-अलग रीति-रिवाज और परंपराएं हैं, लेकिन अटक से कटक और कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारतीय संस्कृति की आत्मा एक ही है। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्थानों पर “एग्रीयूनिफेस्ट” जैसे आयोजनों के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में छिपी प्रतिभाओं का पता चलता है, तब देश की सांस्कृतिक एकता का परिचय मिलता है। एकता एकता में बदल जाती है और जब एकता मजबूत होती है तो भारत की ताकत बढ़ती है और यह ताकत लगातार बढ़ती रहनी चाहिए। तभी हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत के सपने को साकार करने में सफल होंगे। श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने युवा प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए ‘खेलो इंडिया’ कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह पूरे देश में लोकप्रिय हो रहा है। खेलों के सहयोग से किसी भी खेल का अभ्यास साल भर चलता रहता है जिससे हमारे खिलाड़ी बेटे-बेटियां प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अनेक स्वर्ण पदक जीतते हैं। केंद्र सरकार के प्रयासों से देश शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, प्रशासन सहित सभी क्षेत्रों में अपनी उत्कृष्टता स्थापित करने में सफल हुआ है, जिससे विश्व भर में भारत का मान बढ़ा है।