‘अमेरिका सिर्फ अपने फायदे का दोस्त’: उमर अब्दुल्ला का सीधा बयान, कई मुद्दों पर रखी साफ राय

उमर अब्दुल्ला: अमेरिका, वंदे भारत, और जम्मू-कश्मीर की राजनीति
उमर अब्दुल्ला के ताज़ा बयानों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्होंने अमेरिका की नीतियों से लेकर जम्मू-कश्मीर के प्रशासनिक ढाँचे तक कई मुद्दों पर अपनी राय रखी है। आइए, उनके विचारों को विस्तार से समझते हैं।
अमेरिका: सिर्फ फायदा?
उमर अब्दुल्ला का मानना है कि अमेरिका का रुख पूरी तरह स्वार्थ पर आधारित है। उनका कहना है कि अमेरिका तभी दोस्ती निभाता है जब उसे फायदा हो। पाकिस्तान के आर्मी चीफ के व्हाइट हाउस में बुलाए जाने पर उन्होंने इसी बात पर ज़ोर दिया।
वंदे भारत एक्सप्रेस: एक सफलता की कहानी
हाल ही में वंदे भारत एक्सप्रेस से जम्मू से श्रीनगर की यात्रा करने के बाद, उमर अब्दुल्ला ने इस सेवा की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि अगर सेवा अच्छी नहीं होती, तो वो दोबारा सफर नहीं करते। उन्होंने ट्रेन के फेरों और रूट को बढ़ाने की भी मांग की।
ईरान-इज़राइल तनाव: बातचीत का रास्ता
ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता ज़ाहिर करते हुए, उमर अब्दुल्ला ने युद्ध की निंदा की और दोनों देशों से बातचीत के ज़रिए समस्या सुलझाने का आग्रह किया। उन्होंने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के उस दावे का भी ज़िक्र किया जिसमे कहा गया था कि ईरान के पास परमाणु बम नहीं है।
ईरान में फंसे छात्र: सुरक्षित वापसी
ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों की वापसी पर उमर अब्दुल्ला ने बताया कि छात्रों को पहले सड़क मार्ग से सुरक्षित स्थानों पर लाया जा रहा है, और फिर आर्मेनिया के रास्ते भारत वापस लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सैकड़ों छात्र घर लौट रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर का प्रशासन: स्पष्ट भूमिकाएँ
जम्मू-कश्मीर के प्रशासनिक अधिकारों को लेकर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उपराज्यपाल की भूमिका सिर्फ़ सुरक्षा और कानून-व्यवस्था तक सीमित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कैबिनेट के फैसलों को उपराज्यपाल को तुरंत मंज़ूरी देनी चाहिए। उनका कहना है कि जनता की सुरक्षा उपराज्यपाल की ज़िम्मेदारी है, लेकिन बाकी प्रशासनिक काम राज्य सरकार के हाथ में होने चाहिए।