
पाकिस्तान में मस्जिद में जोरदार धमाका, 5 की मौत, 20 घायल
शुक्रवार को उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक मस्जिद में हुए जबरदस्त विस्फोट में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए। यह धमाका रमजान के पवित्र महीने से पहले जुम्मे की नमाज के दौरान हुआ, जिससे इलाके में दहशत फैल गई।
जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI) के नेता हामिदुल हक की मौत
इस धमाके में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI) के अपने गुट के प्रमुख हामिदुल हक हक्कानी की मौत हो गई। वह अकौरा खट्टक कस्बे के मदरसा-ए-हक्कानिया के संरक्षक भी थे। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्य सचिव शहाब अली शाह ने इसकी पुष्टि की।
हामिदुल हक का जन्म 1968 में हुआ था। उनके पिता मौलाना समीउल हक की मृत्यु के बाद वे JUI (समी गुट) के प्रमुख बने थे।
सुसाइड बॉम्बिंग की आशंका, हामिदुल हक थे निशाना
खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस महानिरीक्षक जुल्फिकार हमीद ने कहा कि धमाका आत्मघाती हमला होने की आशंका है और ऐसा लगता है कि हामिदुल हक को निशाना बनाया गया था। उन्होंने बताया कि हामिदुल हक को सुरक्षा के लिए छह गार्ड उपलब्ध कराए गए थे। नौशेरा जिले के डीपीओ अब्दुर रशीद ने बताया कि धमाका जुमे की नमाज के दौरान हुआ।
मदरसा-ए-हक्कानिया और उसका विवादित इतिहास
दारुल उलूम हक्कानिया मदरसा सुन्नी इस्लाम के हनाफी देवबंदी स्कूल को बढ़ावा देता है। इसे मौलाना अब्दुल हक ने स्थापित किया था। यह भारत में स्थित दारुल उलूम देवबंद की तर्ज पर बना था, जहां मौलाना अब्दुल हक ने शिक्षा प्राप्त की थी। इस मदरसे को “जिहाद की यूनिवर्सिटी” भी कहा जाता है, क्योंकि यहां पढ़ाई के तरीके और पढ़ाई की सामग्री को लेकर विवाद होता रहा है। तालिबान के कई बड़े नेता, जिनमें पूर्व प्रमुख अख्तर मंसूर भी शामिल हैं, यहीं पढ़े थे।
रेस्क्यू ऑपरेशन तेज, अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित
धमाके के बाद रेस्क्यू टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और घायलों को अस्पताल ले जाया गया। नौशेरा और पेशावर के अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री और गवर्नर ने की निंदा, घायलों के लिए खून की अपील
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर और गवर्नर फैसल करीम कुंडी ने इस आत्मघाती हमले की निंदा की है। वहीं, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के नेताओं ने घायलों के लिए रक्तदान की अपील की है।