यदि बच्चों को बचपन में कोई शिक्षा दी जाती है। इस समय वह जो सीखता है वह उसे बेहतर करियर बनाने में काम आता है। वहीं अच्छे भविष्य की नींव निहित है। बच्चा कोई भी चीज़ सरल तरीके से सीखता है, वह आसानी से सीखता है इसलिए बच्चों को सिखाने के लिए आसान और रोचक तरीका अपनाना चाहिए। यह बात कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने संपर्क फाउंडेशन रेडक्रॉस कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर उन्होंने संपर्क फाउंडेशन पुस्तिका और कक्षा 1 से 3 तक की गणित और अंग्रेजी की पुस्तकों का भी विमोचन किया।
कलेक्टर डॉ. भुरे ने कहा कि संपर्क फाउंडेशन द्वारा स्कूलों को जो किट एवं उपकरण दिये गये हैं। बच्चों को उनसे पढ़ाई में अच्छा सहयोग मिलेगा। वे सिलेबस को भी आसानी से समझ सकेंगे। इससे शिक्षकों को पढ़ाने में भी मदद मिलेगी और हमें बेहतर परिणाम हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह भी सामान्य ज्ञान है कि जब गैर सरकारी संगठन सरकारी संगठनों के साथ सहयोग करते हैं, तो वे नई तकनीक सीखते हैं और दक्षता भी हासिल करते हैं।
नीति आयोग के पूर्व विशेष सचिव और संपर्क फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. के. राजेश्वर राव ने कहा कि हमारी संस्था का लक्ष्य शिक्षा में नवाचार लाना है. हमारे माध्यम से स्कूलों में सम्पर्क टी.वी. ऑडियो बॉक्स, अंग्रेजी और गणित किट उपलब्ध हैं। संपर्क टीवी एक ऐसा उपकरण है जिसे बिना इंटरनेट के चलाया जा सकता है और टीवी से आसानी से जोड़ा जा सकता है। इसमें अलग-अलग विषयों पर केंद्रित वीडियो विजुअल डाले गए। बच्चों को आसानी से सीखने में मदद करने के लिए यहां एक बाल-केंद्रित पाठ्यक्रम शामिल किया गया है। एक ऑडियो बॉक्स भी शामिल है, जिसमें पाठ्यक्रम की रिकॉर्डिंग रखी जाती है। जिसे सुनकर बच्चे के लिए सीखना आसान हो जाता है।
गौरतलब है कि संस्था के प्रतिनिधियों ने बताया कि इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर रायपुर जिले में चलाया जा रहा है. जिले के 80 स्कूलों में संस्था की संपर्क टीवी और गणित, अंग्रेजी किट की आपूर्ति की गई। इसके साथ ही संस्था के प्रतिनिधि शिक्षकों के साथ समन्वय बनाकर काम करते हैं.