
भ्रष्टाचार से जनता का भरोसा टूटता है, दोषियों पर जल्द सुनवाई जरूरी: कलकत्ता हाईकोर्ट
आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की अपील पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि ऊंचे पदों पर भ्रष्टाचार का जनता के राज्य व्यवस्था पर विश्वास पर गहरा असर पड़ता है। संदीप घोष ने वित्तीय अनियमितताओं के मामले में आरोप तय करने की प्रक्रिया को टालने की मांग की थी। इस पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस जॉयमाल्या बागची कर रहे थे, ने कहा कि मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत हाईकोर्ट की अगली सुनवाई से पहले कोई तारीख तय कर सकती है। सीबीआई ने आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में संदीप घोष और चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था।
डिवीजन बेंच, जिसमें जस्टिस गौरांग कांत भी शामिल थे, ने कहा कि आरोप बेहद गंभीर हैं और उन्हें यह जानकारी दी गई कि आरोपी इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। कोर्ट ने टिप्पणी की, “ऊंचे पदों पर भ्रष्टाचार से जनता का सरकारी व्यवस्था पर भरोसा डगमगाने लगता है।” इसके साथ ही हाईकोर्ट ने जोर दिया कि भ्रष्टाचार के आरोपियों के खिलाफ तेज सुनवाई जनता की न्याय व्यवस्था में आस्था को मजबूत करेगी। कोर्ट ने कहा, “जो आरोपी हिरासत में हैं, उन्हें भी निष्पक्ष और त्वरित सुनवाई का अधिकार है। इसलिए न्याय प्रणाली के लिए यह जरूरी है कि मुकदमे की सुनवाई में देरी न हो।” मंगलवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने मामले की रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच कर रही सीबीआई बुधवार तक आरोपियों को इलेक्ट्रॉनिक या स्कैन की गई कॉपी उपलब्ध कराने को तैयार है। अदालत ने कहा कि आरोपी पक्ष इन दस्तावेजों की जांच कर सकते हैं और विशेष अदालत के जज के समक्ष अपनी मांग रख सकते हैं।