
अमेरिकी टैरिफ का जवाब: चीन ने भी लगाए शुल्क, गूगल पर एंटी-ट्रस्ट जांच शुरू
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ का जवाब देते हुए, चीन ने मंगलवार को कई अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क लगाने का ऐलान किया। साथ ही, चीन ने गूगल के खिलाफ एंटी-ट्रस्ट जांच शुरू करने और कुछ अन्य व्यापारिक कदम उठाने की भी घोषणा की। चीन ने बताया कि वह अमेरिका से आयातित कोयला और तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) पर 15% टैरिफ लगाएगा। वहीं, कच्चे तेल, कृषि मशीनरी और बड़े इंजन वाली कारों पर 10% टैरिफ लगाया जाएगा। ये नए शुल्क अगले सोमवार से लागू होंगे। चीन के वित्त मंत्रालय के एक विभाग ने अपने बयान में कहा, “अमेरिका का यह एकतरफा टैरिफ बढ़ाना वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) के नियमों का गंभीर उल्लंघन है। इससे न तो अमेरिका की खुद की समस्याएं हल होंगी और न ही चीन और अमेरिका के बीच सामान्य व्यापारिक संबंधों को कोई फायदा होगा।”
गूगल के खिलाफ जांच और अन्य व्यापारिक कदम
इसके अलावा, चीन के बाजार नियमन प्रशासन ने मंगलवार को गूगल के खिलाफ एंटी-ट्रस्ट कानूनों के उल्लंघन के संदेह में जांच शुरू करने की घोषणा की। हालांकि, इस जांच का टैरिफ से कोई आधिकारिक संबंध नहीं बताया गया, लेकिन यह ऐलान ठीक उसी वक्त किया गया जब ट्रंप द्वारा चीन पर 10% नए टैरिफ लागू किए जा रहे थे। उधर, अमेरिका के कनाडा और मेक्सिको से आयातित उत्पादों पर भी टैरिफ लागू होने वाला था, लेकिन ट्रंप ने सीमा सुरक्षा और नशीली दवाओं की तस्करी को लेकर अपनी चिंताओं को देखते हुए मेक्सिको और कनाडा के लिए 30 दिनों की मोहलत दे दी। वहीं, ट्रंप जल्द ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत करने की योजना बना रहे थे।
महत्वपूर्ण औद्योगिक धातुओं के निर्यात पर भी चीन की पाबंदी
टैरिफ के अलावा, चीन ने कुछ महत्वपूर्ण औद्योगिक तत्वों के निर्यात पर नियंत्रण लगाने की भी घोषणा की। इनमें टंगस्टन, टेल्यूरियम, बिस्मथ, मोलिब्डेनम और इंडियम शामिल हैं। ये वे खनिज हैं, जिन्हें अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) ने “आवश्यक खनिज” के रूप में सूचीबद्ध किया है। यानी ये अमेरिकी अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम हैं और इनकी सप्लाई में किसी भी तरह की बाधा अमेरिका के लिए चुनौती बन सकती है। इससे पहले, दिसंबर में भी चीन ने गैलियम जैसे महत्वपूर्ण औद्योगिक तत्वों के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी, जिसका इस्तेमाल हाई-टेक प्रोडक्ट्स के निर्माण में किया जाता है।
अमेरिकी कंपनियों को झटका
इसके अलावा, चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने दो अमेरिकी कंपनियों – PVH ग्रुप (जो Calvin Klein और Tommy Hilfiger ब्रांड का मालिक है) और बायोटेक कंपनी Illumina को “अविश्वसनीय संस्थाओं” की सूची में डाल दिया। इसका मतलब है कि ये कंपनियां अब चीन से जुड़ी आयात-निर्यात गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले पाएंगी और न ही देश में कोई नया निवेश कर सकेंगी।