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केरल में टोल लागू करने की तैयारी, CPI(M) ने बताया अनिवार्य, कांग्रेस बोली- जनता से लूट

केरल में टोल वसूली की योजना पर राजनीतिक घमासान, सीपीआई(M) और एलडीएफ ने बताया ज़रूरी, कांग्रेस ने किया विरोध

केरल सरकार केरल इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड (KIIFB) से बने सड़कों पर टोल वसूलने की योजना पर विचार कर रही है, जिसे लेकर राज्य में राजनीति गर्मा गई है। सत्तारूढ़ सीपीआई(M) और लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) ने इस कदम को राज्य की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए ज़रूरी बताया है, जबकि विपक्षी कांग्रेस ने इसे जनता की जेब पर बोझ डालने वाला फैसला बताते हुए कड़ा विरोध जताया है। सीपीआई(M) के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने इडुक्की जिले के थोडुपुझा में मीडिया से बातचीत में कहा कि अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है और KIIFB के साथ चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार केरल के प्रति वित्तीय रूप से उदासीन रही है, ऐसे में राज्य सरकार को अपनी परियोजनाओं से राजस्व जुटाने के तरीकों पर विचार करना होगा। एलडीएफ संयोजक टी पी रामकृष्णन ने भी इसी तरह की बात कही। उन्होंने तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से कहा कि केंद्र सरकार के हालिया बजट में केरल के साथ भेदभाव किया गया है और KIIFB के कर्ज को राज्य के कुल ऋण में शामिल किया गया है। ऐसे में बड़े विकास कार्यों से राजस्व जुटाने के विकल्प तलाशने होंगे।

वहीं, कांग्रेस ने सरकार की इस योजना का जोरदार विरोध किया है। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के अध्यक्ष के सुधाकरन ने कहा कि राज्य की मौजूदा आर्थिक समस्याओं की जड़ KIIFB में हुई अनियमितताएं और गलत तरीके से लिए गए कर्ज हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अब इस कर्ज की भरपाई के लिए आम जनता पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डाल रही है। सुधाकरन ने बयान जारी कर याद दिलाया कि पिनाराई विजयन सरकार (2016-2021) ने टोल-मुक्त सड़कों का वादा किया था और सीपीआई(M) ने हमेशा टोल के खिलाफ आंदोलन किया था। उन्होंने चेतावनी दी कि कांग्रेस सरकार की इस योजना को लागू नहीं होने देगी और इसके खिलाफ ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने KIIFB को “सफेद हाथी” और राज्य के लिए “अभिशाप” करार दिया। उन्होंने कहा कि फिलहाल राज्य में सड़कों और पुलों पर टोल नहीं है और सरकार को जनता पर बोझ डालने के बजाय नए राजस्व स्रोतों पर ध्यान देना चाहिए। चेन्निथला ने दोहराया कि विपक्ष ने पहले ही आगाह किया था कि KIIFB से कर्ज लेना राज्य के लिए नुकसानदायक साबित होगा और अब सरकार जनता से इसकी कीमत वसूलना चाह रही है, जिसे कांग्रेस किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी।

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