
छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती: D.Ed वाले बेचैन, नौकरी का इंतज़ार खींच रहा है! D.Ed वाले शिक्षक बनने के लिए बेचैन हैं क्योंकि उन्हें अब तक नौकरी नहीं मिली है। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कई बार आदेश दिए हैं। 10 दिसंबर, 2023 को हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को 2 हफ्ते के अंदर D.Ed वाले अभ्यर्थियों को नौकरी देने का आदेश दिया था, नहीं तो जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। लेकिन समय बीत जाने के बाद भी विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे अभ्यर्थी परेशान हैं। अब 14 जनवरी को अगली सुनवाई है, जिसमें जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।
D.Ed वाले अभ्यर्थियों ने सरकार और शिक्षा विभाग से जल्द नौकरी देने की माँग की है। वे पिछले डेढ़ साल से अपने अधिकारों से वंचित हैं और मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द नौकरी नहीं मिली तो वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे और सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर करेंगे।
यह मामला डेढ़ साल से लंबित है। D.Ed वाले अभ्यर्थियों ने बताया कि 21 अगस्त, 2023 को हाई कोर्ट ने B.Ed वाले अभ्यर्थियों को अयोग्य घोषित कर दिया था और केवल D.Ed वाले अभ्यर्थियों को नौकरी देने का आदेश दिया था। इसके बाद 23 से 29 अगस्त तक काउंसलिंग प्रक्रिया हुई, लेकिन नौकरी नहीं मिल पाई। B.Ed वाले अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे ऑर्डर ले लिया, जिससे स्थिति और जटिल हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भविष्य में अगर B.Ed वाले अभ्यर्थियों की नौकरी रद्द होती है तो उनके अधिकारों पर विचार नहीं किया जाएगा। अभ्यर्थियों ने कई आंदोलन किए, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
क्या आप जानना चाहेंगे कि सुप्रीम कोर्ट ने B.Ed वाले अभ्यर्थियों के लिए क्या कहा था?