इमरान खान पर बढ़ी मुश्किलें: अब जेल में होंगे झूठ पकड़ने और चेहरे की पहचान वाले टेस्ट

पाकिस्तान में इमरान खान पर पॉलीग्राफ टेस्ट: क्या है पूरा मामला?
पाकिस्तान की एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ 9 मई की हिंसा से जुड़े मामलों में पॉलीग्राफ और फोटोग्रामेट्रिक टेस्ट की अनुमति दे दी है। यह फैसला कई सवाल खड़े करता है और इस घटनाक्रम को समझना ज़रूरी है।
9 मई की हिंसा: एक संक्षिप्त विवरण
9 मई, 2023 को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने देशभर में हिंसक प्रदर्शन किए थे। इस दौरान कई सरकारी इमारतों और सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुँचाया गया था। लाहौर के जिन्ना हाउस पर भी हमला हुआ था, जिससे काफी तनाव फैला था। इस हिंसा के बाद इमरान खान पर कई आरोप लगे हैं।
पॉलीग्राफ और फोटोग्रामेट्रिक टेस्ट: क्या है ये?
पॉलीग्राफ टेस्ट झूठ पकड़ने का एक तरीका है, जो शरीर के कुछ बदलावों को मापता है। वहीं, फोटोग्रामेट्रिक टेस्ट चेहरे और आवाज के विश्लेषण पर आधारित होता है। ये टेस्ट जांच में मददगार हो सकते हैं, लेकिन इनकी सटीकता पर हमेशा सवाल उठते रहते हैं।
इमरान खान के वकील की आपत्ति
इमरान खान के वकील ने इस टेस्ट के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है कि घटना के 727 दिन बाद ये टेस्ट करना उचित नहीं है और इमरान खान पहले ही कई मामलों में बेल पर हैं। वकील का तर्क है कि ये टेस्ट जांच के लिए ज़रूरी नहीं हैं।
अदालत का फैसला
अदालत ने अभियोजन पक्ष की याचिका स्वीकार कर ली है और इमरान खान का 12 दिनों के अंदर पॉलीग्राफ और फोटोग्रामेट्रिक टेस्ट करने की अनुमति दे दी है। यह फैसला काफी विवादों में घिरा हुआ है और इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। अब देखना होगा कि आगे क्या होता है।
क्या है आगे?
इस मामले में आगे क्या होगा, यह देखना बाकी है। इमरान खान के वकील ने इस फैसले को चुनौती देने की बात कही है। इस पूरे घटनाक्रम पर देश की राजनीति का असर पड़ना तय है। यह एक ऐसा मामला है जिस पर सभी की नज़रें टिकी हुई हैं।