
ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने क्यों तबाह किए पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकाने? पूरी कहानी
7 मई को सुबह, भारत ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में बताया। इसमें भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर (PoK) में कार्रवाई की थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद थे। उन्होंने बताया कि ये ऑपरेशन क्यों किया गया, कैसे प्लान बनाया गया और कैसे इसे अंजाम दिया गया।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले की ज़िम्मेदारी ‘रेजिस्टेंस फ्रंट’ नाम के एक संगठन ने ली थी, जिसका लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन था और पाकिस्तान से संबंध भी साफ थे। इसलिए भारत ने जवाब में ये हमला किया।
तो चलो जानते हैं कि इस ऑपरेशन में क्या हुआ और कैसे सिर्फ 25 मिनट में पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकाने बर्बाद हो गए?
भारतीय सेना और विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस की खास बातें:
1. किन 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया और क्यों?
- सरजाल कैंप, सियालकोट: मार्च 2025 में जिन आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के 4 पुलिसवालों को मारा, उन्हें यहीं ट्रेनिंग मिली थी।
- महमूना जोया कैंप, सियालकोट: पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले की प्लानिंग और ट्रेनिंग यहीं हुई थी।
- मरकज तैयबा, मुरीदके: मुंबई हमलों के कसाब और डेविड हेडली जैसे आतंकियों को यहीं तैयार किया गया था।
- मरकज सुभानल्लाह, बहावलपुर: जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर, जहाँ आतंकी भर्ती, ट्रेनिंग और विचारधारा सिखाई जाती थी।
- कोटली कैंप, जाफरादाबाद-गुरपुर: जैश का अड्डा, जो एलओसी (LoC) से सिर्फ 30 किलोमीटर दूर था। यहाँ के आतंकी राजौरी और पुंछ में एक्टिव थे।
- बरनाला कैंप, भिंभर: एलओसी से 9 किलोमीटर दूर इस कैंप को भी निशाना बनाया गया।
- सैयदना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद: यहाँ हथियारों और विस्फोटकों की ट्रेनिंग दी जाती थी, साथ ही जंगल में छिपने-लड़ने की भी तैयारी कराई जाती थी।
इसके अलावा, कुछ और आतंकी ठिकानों की भी पहचान हुई थी:
- मरकज़ अब्बास, कोटली – जैश
- मस्कर राहील शाहिद, कोटली – हिज्बुल
- शावई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद – लश्कर
- मरकज़ अहले हदीस, बरनाला – लश्कर
2. क्या भारतीय सेना ने पाकिस्तानी आर्मी को भी निशाना बनाया?
कर्नल सोफिया कुरैशी ने साफ कहा कि पाकिस्तान की आर्मी के किसी भी कैंप को टारगेट नहीं किया गया। इस ऑपरेशन में सिर्फ आतंकी अड्डों और उनसे जुड़ी इमारतों को ही निशाना बनाया गया। उन्होंने ये भी बताया कि अब तक किसी आम पाकिस्तानी नागरिक के मरने की खबर नहीं है।
3. सिर्फ 25 मिनट में कैसे बर्बाद हुए 9 ठिकाने?
कर्नल कुरैशी ने बताया कि 6 और 7 मई की रात 1:05 बजे से लेकर 1:30 बजे तक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया गया। ये कार्रवाई पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों के लिए इंसाफ की कोशिश थी। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने 9 आतंकी कैंपों को पूरी तरह से तबाह कर दिया।
उन्होंने कहा कि पिछले 30 सालों में पाकिस्तान में कई आतंकी ठिकाने बने हैं। इनमें से 9 अहम ठिकानों को इस बार निशाना बनाया गया, जो पाकिस्तान और PoK में फैले हुए थे।
4. ऑपरेशन कैसे किया गया?
थल सेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर इस मिशन को अंजाम दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि यह ऑपरेशन पक्की खुफिया जानकारी पर आधारित था। भारत की RAW ने पाकिस्तान और PoK में मौजूद इन आतंकी ठिकानों की पहचान की और सेना को पूरी जानकारी दी। इसके बाद राफेल फाइटर जेट्स को हैमर और स्कैल्प मिसाइलों से लैस कर उड़ाया गया। फिर तय समय पर 24 मिसाइलें उन ठिकानों पर दागी गईं।
ऑपरेशन सिंदूर में कितने लोग मारे गए?
सेना ने ये नहीं बताया कि इस ऑपरेशन में कितने आतंकी मारे गए। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि 9 ठिकानों को पूरी तरह खत्म कर दिया गया। हालांकि, मीडिया में खबरें हैं कि इस हमले में 80 से 90 लोग मारे गए। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक 8 लोगों की मौत हुई और 30 से ज्यादा घायल हुए। कुछ रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य इस हमले में मारे गए।