
भारत ने म्यांमार को भेजी 15 टन राहत सामग्री, ‘ऑपरेशन ब्रह्म’ के तहत मदद शुरू
शनिवार को भारत ने पड़ोसी देश म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद ‘ऑपरेशन ब्रह्म’ के तहत 15 टन राहत सामग्री भेजी। यह राहत सामग्री भारतीय वायुसेना के C130J सैन्य परिवहन विमान के जरिए म्यांमार के यांगून शहर भेजी गई। इसमें टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, तैयार खाने के पैकेट, पानी साफ करने वाले उपकरण, सोलर लैंप, जेनरेटर और जरूरी दवाइयां शामिल थीं। अधिकारियों के मुताबिक, यह आपूर्ति वहां के लोगों को तत्काल राहत देने के उद्देश्य से भेजी गई है।विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर जानकारी देते हुए लिखा, “#OperationBrahma के तहत भारत की ओर से पहली खेप राहत सामग्री यांगून एयरपोर्ट पहुंच गई है।” यह राहत सामग्री म्यांमार के यांगून के मुख्यमंत्री यू सो थिन को भारत के राजदूत अभय ठाकुर ने सौंपी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने एक बार फिर “फर्स्ट रिस्पॉन्डर” की भूमिका निभाते हुए म्यांमार में प्रभावित लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। शुक्रवार को आए इस भूकंप ने म्यांमार और उसके पड़ोसी देश थाईलैंड में भारी तबाही मचाई। कई इमारतें, पुल और अन्य संरचनाएं ढह गईं। अब तक म्यांमार में 144 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
म्यांमार में भारतीय दूतावास ने कहा कि वह भारत से भेजी गई सहायता और राहत सामग्री की त्वरित डिलीवरी के लिए म्यांमार सरकार के साथ लगातार समन्वय कर रहा है। दूतावास ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है: +95-95419602 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस आपदा पर चिंता जाहिर की और कहा कि भारत म्यांमार और थाईलैंड को हर संभव मदद देने के लिए तैयार है। उन्होंने ‘X’ पर लिखा, “म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के हालात को लेकर चिंतित हूं। सभी के सुरक्षित रहने और कुशलता की प्रार्थना करता हूं।” उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि “भारत हर संभव सहायता के लिए तैयार रहे। विदेश मंत्रालय को म्यांमार और थाईलैंड सरकार के संपर्क में रहने के निर्देश दिए हैं।” भारत पहले भी नेपाल (2015) और तुर्की (2023) में आए भूकंपों के दौरान राहत अभियान चला चुका है, और अब म्यांमार के लिए भी यह सहायता अभियान तेज कर दिया गया है।