इसरो 2025 में रचने जा रहा है इतिहास, जनवरी में होगा 100वां प्रक्षेपण, जानिए खास बातें
इसरो 2025: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जनवरी में एक और बड़ी उपलब्धि की ओर बढ़ रहा है। इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि 100वां प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा से भू-स्थिर प्रक्षेपण यान मिशन के माध्यम से किया जाएगा। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। सोमवार को, इसरो ने श्रीहरिकोटा से अपना 99वां प्रक्षेपण किया। यह पीएसएलवी-सी60 मिशन था, जिसने सफलतापूर्वक दो छोटे अंतरिक्ष यान को उनकी कक्षा में स्थापित किया। इन अंतरिक्ष यानों का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष डॉकिंग की तकनीक विकसित करना है। स्पैडेक्स मिशन, या स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट, एक लागत प्रभावी तकनीक प्रदर्शन है। इसके माध्यम से, अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यान के डॉकिंग और अनडॉकिंग की प्रक्रिया का परीक्षण किया गया। यह मिशन भविष्य में जटिल अंतरिक्ष मिशनों की नींव रखेगा। ‘2025’ इसरो के लिए एक नया अध्याय है इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि इसरो 2025 में भी कई नए मिशन लॉन्च करेगा। नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-02 जनवरी 2025 में जीएसएलवी मिशन के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा। इससे पहले, एनवीएस-01 उपग्रह को मई 2023 में जीएसएलवी-एफ12 रॉकेट के माध्यम से कक्षा में स्थापित किया गया था।
एनवीएस-01 भारतीय नेविगेशन सिस्टम (नैविक) के लिए पहला दूसरी पीढ़ी का उपग्रह था, जो भारत की नेविगेशन और मानचित्रण क्षमताओं को और बढ़ाएगा। वैज्ञानिकों ने प्रक्षेपण समय क्यों बदला? सोमनाथ ने कहा कि पीएसएलवी-सी60 रॉकेट के प्रक्षेपण समय को 30 दिसंबर को रात 10 बजे बदल दिया गया था। ऐसा इसलिए किया गया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अंतरिक्ष यान पहले से ही कक्षा में मौजूद किसी अन्य उपग्रह के करीब आने का कोई खतरा न हो। वैज्ञानिकों ने संयोजन अध्ययन के माध्यम से सबसे सुरक्षित समय का चयन किया। आगामी मिशन और भविष्य की उम्मीदें इसरो प्रमुख ने कहा कि स्पैडेक्स मिशन जैसे प्रयोग भारत के अंतरिक्ष सुधारों और नए मिशनों को और मजबूत करेंगे। आने वाले समय में, भारत और भी जटिल अंतरिक्ष डॉकिंग सिस्टम विकसित करेगा, जो हमारी अंतरिक्ष तकनीक को दुनिया में और भी ऊंचाइयों तक ले जाएगा। 100वें प्रक्षेपण पर नजरें जनवरी में जीएसएलवी मिशन न केवल भारत का 100वां प्रक्षेपण होगा बल्कि भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में एक नए मील के पत्थर की शुरुआत भी करेगा।