
कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में मंगलवार, 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाते हुए बेकसूर लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इस हमले में अब तक 25 से ज्यादा पर्यटकों की मौत हो चुकी है और 20 से अधिक लोग घायल हैं, जिनका इलाज जारी है। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। यह हमला उस समय हुआ जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पर गए हुए थे। इस घटना ने भारत की सुरक्षा एजेंसियों को चौकस कर दिया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस पर ध्यान आकर्षित किया है।
कश्मीर में पिछले 10 सालों में हुए आतंकी हमले
इन हमलों ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था और नागरिकों की सुरक्षा पर गहरा असर डाला है। सरकार और सुरक्षा बलों की लगातार कोशिशों के बावजूद आतंकवाद की समस्या बरकरार है। इन घटनाओं से यह साफ हो जाता है कि आतंकवाद के खिलाफ हमें और अधिक सतर्कता और मजबूत सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है। पिछले एक दशक में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद ने न केवल सुरक्षा बलों के बल्कि कई निर्दोष लोगों की जान भी ली है। आइए जानते हैं पिछले 10 सालों में हुए कुछ बड़े आतंकी हमलों के बारे में:
- BSF पर हमला (16 सितंबर 2015)
उधमपुर में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर BSF काफिले पर हमला किया। इस हमले में 2 जवान शहीद हो गए और 11 घायल हुए। एक आतंकी नावेद को जिंदा पकड़ा गया। - उरी हमला (18 सितंबर 2016)
चार आतंकियों ने उरी में भारतीय सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला किया, जिसमें 19 जवान शहीद हो गए और 30 से अधिक घायल हुए। यह हमला पिछले दो दशकों में सबसे घातक माना गया। - पंपोर हमला (25 जून 2016)
पंपोर में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकियों ने हमला किया, जिसमें 8 जवान शहीद हुए और 22 घायल हुए। लश्कर-ए-तैयबा ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। - अमरनाथ यात्रा हमला (10 जुलाई 2017)
अनंतनाग जिले में अमरनाथ यात्रियों की बस पर आतंकियों ने गोलीबारी की, जिसमें 8 तीर्थयात्रियों की मौत हुई और 18 घायल हुए। लश्कर-ए-तैयबा ने इस हमले की जिम्मेदारी ली, लेकिन बाद में उन्होंने इससे इनकार किया। - अमरनाथ यात्रियों पर दूसरा हमला (जुलाई 2017)
अमरनाथ यात्रियों की बस पर आतंकियों ने हमला किया, जिसमें 7 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और कई घायल हुए। यह हमला यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल उठाता है। - सुनजवां सैन्य स्टेशन हमला (10-11 फरवरी 2018)
जम्मू के सुनजवां सैन्य स्टेशन पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने हमला किया, जिसमें 6 सैनिक, 1 नागरिक और 3 आतंकी मारे गए। यह हमला अफजल गुरु की बरसी के दिन हुआ था। - पुलवामा आत्मघाती हमला (14 फरवरी 2019)
पुलवामा जिले के लेथपोरा में एक आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी, और यह भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव का कारण बना। - राजौरी-पुंछ हमला (22 दिसंबर 2023)
राजौरी और पुंछ के बीच धत्यार मोड़ पर आतंकियों ने सेना की गाड़ियों पर फायरिंग की, जिसमें कई जवान घायल हो गए। हमले के बाद इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया। - गांदरबल हमला (अक्टूबर 2024)
गांदरबल जिले में आतंकियों ने एक निर्माण स्थल पर मजदूरों और एक डॉक्टर पर हमला किया, जिसमें 6 मजदूर और 1 डॉक्टर की मौत हो गई। इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली। - श्रीनगर ग्रेनेड हमला (नवंबर 2024)
श्रीनगर के एक भीड़भाड़ वाले बाजार में आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड फेंका, जिसमें कम से कम 11 लोग घायल हो गए।
यह सूची जम्मू-कश्मीर में पिछले 10 वर्षों में आतंकवादियों द्वारा किए गए खतरनाक हमलों का सिर्फ एक हिस्सा है, जो दिखाती है कि इस क्षेत्र में आतंकवाद की चुनौती अब भी कायम है और सुरक्षा उपायों को और अधिक मजबूत किया जाना जरूरी है।