म्यांमार के 7.7 तीव्रता के भूकंप ने कैसे मचाई तबाही? जानें उथले भूकंपों का विज्ञान

शुक्रवार तड़के म्यांमार के मंडाले के पास आए 7.7 तीव्रता के भीषण भूकंप से धरती कांप उठी। इसके झटके लगभग 1300 किलोमीटर दूर बैंकॉक तक महसूस किए गए। म्यांमार के दो शहर इस भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जहां भारी तबाही देखने को मिली। राजधानी नेपीडॉ से आई तस्वीरों में राहत दलों को गिरी हुई इमारतों के मलबे से लोगों को निकालते हुए देखा गया। बैंकॉक में अधिकारियों ने बताया कि तीन निर्माण स्थलों, जिनमें एक ऊंची इमारत भी शामिल थी, के ढहने से कई लोगों की मौत हो गई। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह भूकंप सगाइंग फॉल्ट के पास धरती की सतह के काफी नजदीक आया, जिससे जबरदस्त भूगर्भीय हलचल हुई। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) के प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, म्यांमार में करीब 8 लाख लोग इस विनाशकारी भूकंप के सबसे ज्यादा असर वाले इलाके में हो सकते हैं। वैज्ञानिकों को आशंका है कि मरने वालों की संख्या 1,000 से ज्यादा हो सकती है, और यह आंकड़ा और बढ़ भी सकता है।
भूकंप क्या होता है और ये कुछ खास जगहों पर ही क्यों आते हैं?
धरती की ऊपरी सतह कई टुकड़ों में बंटी होती है, जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये प्लेट्स एक जिग्सॉ पज़ल की तरह आपस में फिट होती हैं। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के भूभौतिकी वैज्ञानिक माइकल स्टेकलर बताते हैं कि ये प्लेटें ज्यादातर स्थिर रहती हैं, लेकिन किनारों पर लगातार हलचल होती रहती है। जब दो प्लेटें आपस में रगड़ खाती हैं और एक-दूसरे के खिलाफ फंस जाती हैं, तो उन पर बहुत धीरे-धीरे सालों या सदियों तक दबाव बढ़ता रहता है। फिर अचानक से ये प्लेटें झटके से खिसक जाती हैं, जिससे धरती हिलती है और भूकंप आता है। भूकंप आमतौर पर उन्हीं इलाकों में आते हैं, जहां टेक्टोनिक प्लेट्स की सीमाएं होती हैं, लेकिन इनके झटके दूर-दराज तक महसूस किए जा सकते हैं। समुद्र में आने वाले भूकंप हमेशा ज्यादा ध्यान आकर्षित नहीं करते, लेकिन जब ये घनी आबादी वाले इलाकों के पास आते हैं, तो सबसे ज्यादा नुकसान कमजोर इमारतों के गिरने से होता है।
वैज्ञानिक पहले से भूकंप के बारे में क्या जानते हैं?
वैज्ञानिकों को यह अंदाजा होता है कि भूकंप किन इलाकों में आ सकते हैं, लेकिन वे यह नहीं बता सकते कि यह कब आएगा। हालांकि, बड़े भूकंप के बाद वैज्ञानिक यह अनुमान लगा सकते हैं कि उस इलाके में छोटे झटके, जिन्हें आफ्टरशॉक्स कहा जाता है, आने की संभावना है। USGS के भूकंप वैज्ञानिक विल येक के मुताबिक, आफ्टरशॉक्स मुख्य झटके के कारण धरती के भीतर होने वाले दबाव में बदलाव की वजह से आते हैं। म्यांमार में आए इस बड़े भूकंप के कारण “अगले कुछ महीनों तक आफ्टरशॉक्स देखने को मिल सकते हैं,” स्टेकलर ने कहा।
अगर भूकंप के दौरान आप इमारत में हों तो क्या करें?
दुनिया के कुछ हिस्सों में, जैसे कि कैलिफोर्निया और जापान, इमारतों को इस तरह से बनाया जाता है कि वे भूकंप को झेल सकें। लेकिन हर जगह ऐसा नहीं होता। विल येक के अनुसार, अगर आपको झटके महसूस हों तो आप कहां हैं, इस पर आपकी प्रतिक्रिया निर्भर करेगी। अमेरिका सहित कई देशों में, अगर आप किसी इमारत के अंदर हैं, तो जमीन पर झुक जाएं, अपने सिर को किसी मजबूत चीज़ के नीचे छुपाएं—जैसे टेबल या किसी ठोस फर्नीचर के नीचे—और उसे मजबूती से पकड़ लें। कोशिश करें कि कांच की खिड़कियों से दूर रहें और लिफ्ट का इस्तेमाल न करें। अगर आप बाहर हैं, तो ऐसी जगह पर रहें जहां आसपास कोई इमारत या पेड़ गिरने की संभावना न हो। इसके अलावा, भूकंप के बाद अन्य खतरों का भी ध्यान रखना जरूरी है। येक के मुताबिक, कुछ इलाकों में भूकंप के चलते भूस्खलन, आग या सुनामी जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं।