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MP बोर्ड का नया फैसला: 10वीं-12वीं की परीक्षाएं दो बार होंगी, फेल छात्र फिर दे सकेंगे पेपर

भोपाल: मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर एक बड़ा बदलाव किया है। अब पूरक परीक्षा का सिस्टम खत्म कर दिया गया है और उसकी जगह दो मुख्य परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। पहली परीक्षा सभी छात्रों के लिए होगी, जबकि दूसरी उन छात्रों के लिए होगी, जो पहली में फेल हो जाएंगे। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किया गया है और इसके आधार पर छात्रों का फाइनल रिजल्ट तैयार किया जाएगा।

कब से लागू होगा नया सिस्टम?

यह नया नियम शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू होगा। हाल ही में मंडल की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई है और इसे सरकार को भेजा गया है। जल्द ही इस पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है।

कैसे होगी बोर्ड परीक्षा?

मध्य प्रदेश बोर्ड की पहली मुख्य परीक्षा 24 फरवरी से आयोजित होगी। इसके बाद, जो छात्र फेल होंगे, उनके लिए जुलाई में दूसरी मुख्य परीक्षा कराई जाएगी।

पूरक परीक्षा की जगह दूसरी मुख्य परीक्षा

पहले, एक या दो विषय में फेल होने वाले छात्रों को पूरक परीक्षा देने की सुविधा मिलती थी, लेकिन अब उनकी जगह “द्वितीय अवसर की मुख्य परीक्षा” होगी। इस परीक्षा में छात्रों को उन विषयों की परीक्षा देने का मौका मिलेगा, जिनमें वे फेल हुए हैं। उनके फाइनल रिजल्ट में दोनों परीक्षाओं में मिले अच्छे अंकों को जोड़ा जाएगा। गुजरात और छत्तीसगढ़ में इस मॉडल को पहले ही लागू किया जा चुका है, और अब मध्य प्रदेश भी इसे अपनाने जा रहा है। हर साल करीब 18 लाख छात्र 10वीं और 12वीं की परीक्षा में बैठते हैं, जिनमें से लाखों छात्र पूरक परीक्षा या फेल होने की स्थिति का सामना करते हैं।

कौन दे सकेगा दूसरी परीक्षा?

  • पहले, अगर कोई छात्र एक विषय में फेल होता था, तो उसे पूरक परीक्षा का मौका मिलता था
  • कई विषयों में फेल होने वाले छात्रों को राज्य ओपन बोर्ड की ‘रुक जाना नहीं’ योजना में शामिल किया जाता था
  • अब, एक या एक से ज्यादा विषयों में फेल होने वाले छात्र “द्वितीय अवसर की मुख्य परीक्षा” में बैठ सकते हैं

पिछले साल:

  • 2.20 लाख छात्रों को पूरक परीक्षा देनी पड़ी थी
  • 5.60 लाख छात्र फेल हुए थे

कैसा होगा नया परीक्षा मॉडल?

  • अगर कोई छात्र 10वीं या 12वीं में किसी एक या दो विषय में फेल होता है या उसे कम नंबर मिलते हैं, तो वह जुलाई में होने वाली दूसरी मुख्य परीक्षा में बैठ सकता है।
  • छात्र चाहें तो सिर्फ उन्हीं विषयों की परीक्षा दे सकते हैं, जिनमें वे फेल हुए हैं या फिर सभी विषयों की परीक्षा दोबारा दे सकते हैं।
  • अंतिम अंकसूची (मार्कशीट) में उन्हीं अंकों को शामिल किया जाएगा, जो दोनों परीक्षाओं में अधिक होंगे।

छात्रों को मिलेगा बेहतर मौका

इस बदलाव के जरिए छात्रों को एक और मौका मिलेगा कि वे अपने अंकों में सुधार कर सकें और सिर्फ एक विषय में फेल होने के कारण पूरे साल का नुकसान न उठाना पड़े। इससे छात्रों पर पढ़ाई का दबाव भी कम होगा और उन्हें बेहतर स्कोर करने का अवसर मिलेगा।

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