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विदेशी जेलों में बंद भारतीयों की संख्या 10,152, सरकार ने संसद में दी जानकारी

विदेशों में कैद भारतीय नागरिकों की संख्या 10,152, सरकार ने दी जानकारी

विदेश मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इस समय 86 देशों की जेलों में कुल 10,152 भारतीय नागरिक कैद हैं, जिनमें विचाराधीन कैदी भी शामिल हैं। यह जानकारी सरकार ने शुक्रवार को संसद में दी। लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने इन कैदियों का देशवार आंकड़ा साझा किया। इस सूची में सऊदी अरब, कुवैत, यूएई, कतर, नेपाल, पाकिस्तान, अमेरिका, श्रीलंका, स्पेन, रूस, इज़राइल, चीन, बांग्लादेश और अर्जेंटीना सहित कुल 86 देशों का विवरण दिया गया है। आंकड़ों के अनुसार, सऊदी अरब की जेलों में 2,633 और यूएई में 2,518 भारतीय कैदी हैं। नेपाल की जेलों में 1,317 भारतीय कैदी बंद हैं, जबकि पाकिस्तान और श्रीलंका में यह संख्या क्रमशः 266 और 98 है।

कतर में भारतीय कैदियों को लेकर सवाल

सरकार से यह भी पूछा गया कि क्या फीफा वर्ल्ड कप के बाद कतर में बड़ी संख्या में भारतीय, खासकर केरल के लोग जेल में बंद हैं? इस पर मंत्री ने बताया, “कतर की जेलों में इस समय 611 भारतीय कैदी बंद हैं। हालांकि, वहां के सख्त गोपनीयता कानूनों के कारण सरकार को तब तक कोई जानकारी साझा नहीं की जाती, जब तक संबंधित व्यक्ति खुद इसकी अनुमति न दे। इसलिए, राज्यवार आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को कतर की जेलों में भारतीय कैदियों की संख्या में किसी असामान्य वृद्धि की जानकारी नहीं मिली है।

भारतीय कैदियों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता

विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि सरकार विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और भलाई को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है, खासकर उन भारतीयों की जो किसी कारणवश विदेशी जेलों में बंद हैं। “जैसे ही किसी भारतीय नागरिक की गिरफ्तारी की जानकारी मिलती है, वहां स्थित भारतीय मिशन/पोस्ट स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर उसके भारतीय नागरिक होने की पुष्टि करता है और उसकी भलाई सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाता है,” मंत्री ने कहा।

कानूनी सहायता और भारत वापसी की प्रक्रिया

सरकार ने बताया कि विदेशों में भारतीय दूतावास इन कैदियों के अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें कानूनी सहायता दिलाने का प्रयास करते हैं। जिन देशों में भारतीय समुदाय की बड़ी संख्या है, वहां दूतावासों ने कानूनी सहायता के लिए स्थानीय वकीलों का पैनल तैयार किया हुआ है। भारतीय दूतावास किसी भी भारतीय कैदी से किसी भी तरह की सहायता के लिए कोई शुल्क नहीं लेता। संकट में फंसे प्रवासी भारतीयों की मदद के लिए इंडियन कम्युनिटी वेलफेयर फंड (ICWF) की स्थापना की गई है। इस फंड से कानूनी सहायता, यात्रा दस्तावेज और प्रत्यावर्तन (भारत वापसी) के लिए हवाई टिकट जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। विदेशों में बंद भारतीय कैदियों की रिहाई और प्रत्यावर्तन के लिए भारत सरकार नियमित रूप से संबंधित देशों के प्रशासन के साथ बातचीत करती रहती है।

भारतीय कैदियों की रिहाई के लिए विशेष प्रयास

सरकार के मुताबिक, भारतीय मिशन/पोस्ट संबंधित देशों की कानून व्यवस्था एजेंसियों से आग्रह करते हैं कि जांच और न्यायिक प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाए। इसके अलावा, उच्चस्तरीय बैठकों और राजनयिक वार्ताओं के दौरान भी भारतीय कैदियों को रिहा करने और उनकी सजा को माफ या कम करने की मांग की जाती है। भारत ने कई देशों के साथ कैदी प्रत्यावर्तन संधि (Prisoner Transfer Treaty) भी की है, जिसके तहत किसी देश में दोषी ठहराए गए व्यक्ति को अपने देश भेजकर वहां अपनी सजा पूरी करने का विकल्प दिया जाता है।

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