
अमेरिका-भारत टैरिफ समझौता: भारत जल्दबाज़ी में नहीं करेगा कोई डील, देशहित सबसे ऊपर – पीयूष गोयल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर लगाए गए टैरिफ को रोकने के बाद भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि वो किसी भी व्यापार समझौते को लेकर हड़बड़ी में नहीं है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत की हर बातचीत “भारत पहले” की सोच के साथ आगे बढ़ रही है। इटली-भारत व्यापार, विज्ञान और तकनीक फोरम में बोलते हुए गोयल ने कहा, “व्यापार की बातचीत तभी सही मायनों में आगे बढ़ती है जब दोनों देश एक-दूसरे की ज़रूरतों और चिंता को समझते हों। हम कभी भी दबाव में बात नहीं करते। हाँ, जब समय अनुकूल न हो तो हमें जल्दी फैसले लेने की ज़रूरत महसूस होती है, लेकिन जब तक हम अपने लोगों के फायदे को लेकर संतुष्ट नहीं होते, तब तक कोई समझौता नहीं करते।”उन्होंने आगे कहा कि ये सारी बातचीत भारत को 2047 तक एक विकसित देश बनाने के लक्ष्य में अहम भूमिका निभाएगी।
इससे पहले कार्नेगी ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर बात की। उन्होंने कहा कि भारत इस दिशा में पूरी गंभीरता और तैयारियों के साथ आगे बढ़ रहा है। जयशंकर ने कहा, “अमेरिका ने अब दुनिया से जुड़ने का अपना तरीका पूरी तरह से बदल दिया है और इसका असर हर क्षेत्र में दिख रहा है। हमें लगता है कि ये एक मौका है, एक खिड़की खुली है हमारे लिए।” उन्होंने माना कि अमेरिका से व्यापार समझौता करना भारत के लिए हमेशा आसान नहीं होता क्योंकि अमेरिका की उम्मीदें काफी बड़ी होती हैं। लेकिन इस बार बातचीत ज्यादा संजीदगी से हो रही है। जयशंकर ने यह भी कहा, “जैसे अमेरिका भारत को लेकर एक सोच रखता है, वैसे ही भारत की भी अमेरिका को लेकर अपनी सोच है। ट्रंप प्रशासन के दौरान भी बातचीत हुई थी, लेकिन दोनों पक्षों की सोच में फर्क था।” इस बीच अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर तनाव और बढ़ गया है। चीन ने अमेरिका के नए टैरिफ के जवाब में सभी अमेरिकी सामानों पर 125% इंपोर्ट ड्यूटी लगाने का ऐलान किया है। चीन की सरकारी एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि ये फैसला चीन की स्टेट काउंसिल के टैरिफ आयोग ने लिया है, और आगे चलकर वो इन टैरिफ को हटाने पर भी सोच सकता है। भारत फिलहाल इस पूरे वैश्विक व्यापार के उलझे माहौल में सोच-समझकर और संतुलन बनाकर चलने की कोशिश कर रहा है।