‘जाति’ पर बयान देकर फंसे रामगोपाल यादव, केशव मौर्य बोले- दलितों को नीचा दिखाने की आदत पुरानी है!

रामगोपाल यादव बनाम केशव मौर्य: दलितों का मुद्दा गरमाया
यह विवाद तब शुरू हुआ जब रामगोपाल यादव ने कुछ महिला अधिकारियों पर की गई टिप्पणियों पर सवाल उठाए। इसके जवाब में, केशव मौर्य ने रामगोपाल यादव पर तीखा हमला किया। आइए जानते हैं इस पूरे मामले की पूरी कहानी।
दलितों को नीचा दिखाने का आरोप
केशव मौर्य ने आरोप लगाया कि रामगोपाल यादव लगातार दलितों को नीचा दिखाने की कोशिश करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि यादव का यह रवैया बेहद निंदनीय है और समाज में जातिवाद को बढ़ावा देता है। मौर्य ने यादव पर यह आरोप विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर की गई कथित जातिगत टिप्पणी के संदर्भ में लगाया।
ऑपरेशन सिंदूर और महिला अधिकारी
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में अहम भूमिका निभा रही थीं। यह एक महत्वपूर्ण सैन्य अभियान था जिसने भारतीय वायुसेना की क्षमता को दिखाया। उनकी इस भूमिका ने देश में महिला सैन्य अधिकारियों की उपलब्धियों को भी उजागर किया।
रामगोपाल यादव का पलटवार
रामगोपाल यादव ने केशव मौर्य के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी नेता जाति के आधार पर ही प्रतिक्रिया देते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक व्योमिका सिंह और अन्य महिला अधिकारियों का नाम मीडिया में नहीं आया, तब तक बीजेपी नेताओं को कुछ पता नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी नेताओं की सोच जाति पर आधारित है।
जातिगत राजनीति का आरोप
यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेता जातिगत राजनीति कर रहे हैं और दलितों और अन्य पिछड़े वर्गों को राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और समाज के लिए हानिकारक है। उन्होंने व्योमिका सिंह, एयर मार्शल भारती और कर्नल कुरैशी के नामों का उदाहरण देते हुए अपनी बात को बल दिया।
मीडिया में नाम आने के बाद प्रतिक्रिया
रामगोपाल यादव का कहना है कि बीजेपी नेताओं ने तभी प्रतिक्रिया दी जब इन महिला अधिकारियों के नाम मीडिया में आए। उनका मानना है कि यह दिखाता है कि बीजेपी नेताओं की सोच कितनी सतही और जातिगत है। यह घटनाक्रम राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।