व्यापार
Trending

आईटी सेक्टर में वेतन बढ़ोतरी रहेगी सीमित, कंपनियां लागत बचत पर दे रही ध्यान

भारत में आईटी सेक्टर में सैलरी बढ़ोतरी होगी धीमी, कंपनियां नई रणनीति अपनाने में जुटी

भारत के 250 अरब डॉलर के आईटी सेक्टर में वित्त वर्ष 2025 में वेतन वृद्धि की रफ्तार धीमी रहने की संभावना है। इसके पीछे वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, बदलती स्किल्स की मांग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बढ़ता उपयोग मुख्य कारण बताए जा रहे हैं। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल औसत वेतन वृद्धि 4 से 8.5 प्रतिशत के बीच रह सकती है, जो पिछले वर्षों की तुलना में कम है। कंपनियां अब अधिक व्यावहारिक वेतन नीतियां अपना रही हैं।

कंपनियां सतर्क रुख अपना रही हैं
टीमलीज डिजिटल की वाइस प्रेसिडेंट कृष्णा विज ने बताया, “इस साल वेतन बढ़ोतरी को लेकर कंपनियां काफी सतर्क हैं। वेतन वृद्धि 4 से 8.5 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है, जो पिछले सालों के मुकाबले कम है। इसकी प्रमुख वजह वैश्विक आर्थिक चुनौतियां, खर्च में कटौती और बदलती कारोबारी प्राथमिकताएं हैं।” इसके अलावा, कई कंपनियां अपने मूल्यांकन चक्र (अपरेजल साइकिल) को अप्रैल-जून से आगे खिसका रही हैं, जिससे वेतन संशोधन का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है।

वेतन वृद्धि के बजाय अन्य लाभों पर जोर
विज ने बताया कि कंपनियां अब स्किल-आधारित वेतन मॉडल अपना रही हैं और लागत बचाने के लिए टियर-2 शहरों से भर्ती कर रही हैं। वेतन बढ़ाने के बजाय, कंपनियां रिटेंशन बोनस, ईएसओपी (ESOP) और प्रोजेक्ट-आधारित इंसेंटिव जैसी रणनीतियों का उपयोग कर रही हैं। रीड एंड विलो की सीईओ जानू मोतियानी ने भी 5-8.5 प्रतिशत की वेतन वृद्धि का अनुमान लगाया। उन्होंने कहा, “अब दो अंकों वाली वेतन वृद्धि के दिन बीत चुके हैं। कंपनियां अब एक संतुलित नीति अपना रही हैं। टीसीएस (TCS) ने अप्रैल 2025 से 4-8 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा कर दी है, जिससे अन्य कंपनियों के लिए भी एक दिशा तय हो सकती है। हालांकि, इन्फोसिस, एचसीएलटेक, विप्रो और टेक महिंद्रा अभी बाजार के रुझान का इंतजार कर रही हैं और बाद में निर्णय लेंगी।”

घटती जॉब स्विचिंग दर से कंपनियों को राहत
इस साल आईटी सेक्टर में नौकरी छोड़ने की दर (एट्रिशन रेट) 17.7 प्रतिशत रही, जो पिछले साल के 18.3 प्रतिशत से कम है। इससे कंपनियों पर कर्मचारियों को रोकने के लिए अधिक वेतन देने का दबाव कम हुआ है।

कौशल के आधार पर वेतन वृद्धि में अंतर
एडेको इंडिया के कंट्री मैनेजर सुनील चेम्मनकोटिल ने बताया कि वेतन वृद्धि का स्तर कर्मचारियों के कौशल और पद के अनुसार अलग-अलग रहेगा।

  • नए कर्मचारियों को 2-4 प्रतिशत की मामूली वृद्धि मिल सकती है, क्योंकि उनसे स्किल सुधारने और एआई के साथ काम करने की उम्मीद की जाएगी।
  • एआई, साइबर सिक्योरिटी जैसी विशेष विशेषज्ञता वाले मिड-लेवल कर्मचारियों को 10-12 प्रतिशत की वृद्धि मिल सकती है।
  • वरिष्ठ पदों पर बैठे विशेषज्ञों को 12-15 प्रतिशत तक वेतन वृद्धि मिलने की संभावना है, क्योंकि वे कंपनी की टेक्नोलॉजी ट्रांसफॉर्मेशन रणनीति में अहम भूमिका निभाते हैं।

नई तकनीकों में विशेषज्ञता वाले कर्मचारियों की ज्यादा मांग
एआई/एमएल, साइबर सिक्योरिटी, क्लाउड इंजीनियरिंग और फुल-स्टैक डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले आईटी पेशेवरों की मांग बढ़ रही है। देवऑप्स, डेटा साइंस और ब्लॉकचेन जैसी विशिष्ट भूमिकाओं में अनुभवी पेशेवरों को अधिक वेतन वृद्धि मिल रही है।

मूल्यांकन प्रक्रिया में बदलाव
कंपनियां अब वार्षिक समीक्षा के बजाय, तिमाही या मध्य वर्ष की समीक्षा अपना रही हैं, ताकि वेतन को प्रदर्शन के अनुसार अधिक प्रभावी ढंग से समायोजित किया जा सके। इसके अलावा, कंपनियां स्किल अपग्रेड और रीस्किलिंग कार्यक्रमों पर ध्यान दे रही हैं। जो कर्मचारी इन कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, उनके लिए वेतन वृद्धि और करियर ग्रोथ के बेहतर अवसर होंगे।

गैर-वित्तीय लाभ भी महत्वपूर्ण
कई कंपनियां अब कर्मचारियों को आकर्षित करने के लिए लचीले वर्किंग ऑवर, हेल्थकेयर, और वेलनेस प्रोग्राम जैसे लाभों पर जोर दे रही हैं, ताकि वे वेतन वृद्धि के अलावा अन्य सुविधाओं से भी कर्मचारियों को जोड़े रख सकें। भारत का आईटी सेक्टर देश की जीडीपी में 7 प्रतिशत का योगदान देता है और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के कारण इसकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण होती जा रही है।

Related Articles

Back to top button