
आमिर खान: जब यूरोप में महीनों तक हाउसफुल रही ‘लगान’, थिएटर में देखने पहुंचे आमिर तो भीड़ ने घेर लिया साल 2001 में आमिर खान की फिल्म लगान रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म को आमिर खान ने खुद प्रोड्यूस किया था और डायरेक्शन आशुतोष गोवारिकर ने किया था। लगान ने अपने बजट से लगभग दोगुनी कमाई की थी और उस साल ऑस्कर के लिए भी भेजी गई थी। यही नहीं, ये फिल्म कुछ थिएटर्स में कई महीनों तक लगातार चलती रही थी। सालों बाद, एक इवेंट में आमिर खान ने इससे जुड़ा एक मज़ेदार किस्सा सुनाया। उन्होंने बताया कि जब लगान यूरोप के एक थिएटर में 6-8 महीने से चल रही थी और शो लगातार हाउसफुल जा रहे थे, तब वो वहां पहुंचे थे। लेकिन थिएटर पहुंचते ही वहां मौजूद लोगों ने उन्हें घेर लिया। क्या था पूरा मामला? आइए जानते हैं।
हाल ही में आमिर खान ABP नेटवर्क के एक इवेंट में पहुंचे थे, जहां उन्होंने स्विट्जरलैंड से जुड़ा ये किस्सा शेयर किया। आमिर ने बताया, “मैं स्विट्जरलैंड में था और वहां लगान को चले हुए 6 महीने हो चुके थे। मैं उसी इलाके में किसी और फिल्म की शूटिंग कर रहा था। जब वहां के डिस्ट्रीब्यूटर को ये पता चला, तो उसने मुझसे रिक्वेस्ट की कि मैं थिएटर आकर एक छोटा सा क्वेश्चन-आंसर सेशन कर लूं, क्योंकि फिल्म को वहां काफी प्यार मिल रहा था।” आमिर आगे बताते हैं, “मैं थिएटर पहुंचा, तो वहां के लोग बहुत खुश हो गए। शो हाउसफुल था, और जितने लोग अंदर थे, उतने ही बाहर भी खड़े थे। स्क्रीनिंग शुरू हुई, और मैं प्रोजेक्शन रूम में चला गया।” बता दें कि प्रोजेक्शन रूम वो जगह होती है जहां से फिल्म चलाई जाती है और थिएटर का पूरा कंट्रोल वहीं से होता है।
आमिर ने आगे कहा, “मैं अक्सर थिएटर में जाकर साउंड चेक करता हूं कि सबकुछ सही चल रहा है या नहीं। वहां का प्रोजेक्शनिस्ट, जो एक लोकल बंदा था, मुझसे कहने लगा—’मैं यहां 25 साल से हूं, मैंने बहुत से स्टार्स देखे हैं। यहां पर कई बड़ी-बड़ी यूरोपियन और अमेरिकन फिल्में लगी हैं। लेकिन ऐसा रिस्पॉन्स मैंने पहले कभी नहीं देखा।'” आमिर ने बताया कि प्रोजेक्शनिस्ट ने कहा, “जब मैंने पहली बार लगान चलाई, तो मुझे लगा कुछ गड़बड़ है, क्योंकि थिएटर से अजीब-अजीब आवाज़ें आ रही थीं। पहले तो मुझे समझ ही नहीं आया कि ये क्या हो रहा है। फिर एहसास हुआ कि लोग हंस रहे हैं, चिल्ला रहे हैं, फिल्म के हर सीन पर ज़बरदस्त रिएक्शन दे रहे हैं।” “उसने कहा—’यह पहली ऐसी फिल्म है जिसमें स्क्रीन पर जितना इमोशन दिखाया जा रहा है, उतना ही ऑडियंस भी महसूस कर रही है। मैंने अपने करियर में ऐसा माहौल पहले कभी नहीं देखा। और ये पूरी यूरोपियन ऑडियंस थी!’” इस वाकये से साफ है कि लगान ने सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी लोगों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी थी।