मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पांढुर्णा प्रदेश का 55वां जिला बनेगा। नवीन जिले में पांढुर्णा, सौंसर तहसील और नांदनवाड़ी उप तहसील को मिलाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि श्री महाकाल लोक की तर्ज पर जामसांवली हनुमान मंदिर में “श्री हनुमान लोक” का निर्माण किया जाएगा। लगभग 26.50 एकड़ क्षेत्र में प्रथम चरण में 35 करोड़ रुपये से अधिक लागत से “श्री हनुमान लोक” के निर्माण का कार्य आरंभ होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने छिंदवाड़ा जिले के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर जाम सांवली में श्री हनुमान लोक का विधि-विधान से भूमि पूजन कर यह घोषणा की। उन्होंने मंदिर में श्री बजरंगवली के दर्शन-पूजन कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और उन्नति की कामना की। कृषि मंत्री तथा छिंदवाड़ा जिले के प्रभारी श्री कमल पटेल साथ थे।
मराठवाड़ा वास्तु-कला से प्रेरित होगा भव्य प्रवेश द्वार – हनुमान जी के बाल स्वरूप का होगा मनोहारी चित्रण
छिंदवाड़ा में बन रहे “श्री हनुमान लोक” में प्रथम चरण में मराठवाड़ा वास्तु-कला से प्रेरित भव्य प्रवेश द्वार से भगवान के विराट स्वरूप की छवि दिखेगी। मुख्य प्रवेश द्वार से प्रथम प्रांगण तक 500 मीटर लंबा चिरंजीवी पथ बनेगा। पथ और प्रथम प्रांगण के 90 हजार वर्गफुट क्षेत्र में कलाकृतियों से अंजनी पुत्र हनुमान जी के बाल स्वरूप का मनोहारी चित्रण होगा। लगभग 62 हजार वर्गफुट क्षेत्र में मूर्तियों एवं कलाकृतियों के माध्यम से भक्त – शिरोमणि हनुमान जी के भक्ति स्वरूप का चित्रण होगा। रामलीला एवं अन्य धार्मिक आयोजनों के लिए जलाशय के तट पर 12 हजार वर्गफुट क्षेत्र में मुक्ताकाशी मंच बनेगा, संजीवनी बूटी लाने वाले भगवान के संकटमोचक स्वरूप से प्रेरणा लेकर परिसर में आयुर्वेदिक चिकित्सालय बनाया जाएगा।
नदी तट का सौंदर्यीकरण और जन-सुविधाओं की व्यवस्था होगी
श्री हनुमान लोक के समीप बहने वाली नदी तट के सौंदर्यीकरण एवं लैंडस्केपिंग के माध्यम से श्रद्धालुओं के बैठने आदि की व्यवस्था बनाई जाएगी। कम्युनिटी सेंटर, जन सुविधाएँ, ट्रस्ट ऑफिस, प्रशासनिक कार्यालय एवं कंट्रोल रूम आदि 37 हजार वर्गफुट में निर्मित किए जाएंगे। प्रसाद-पूजन सामग्री और भोजन आदि की व्यवस्था के लिए 120 दुकान एवं फूड कोर्ट बनेंगे। लगभग 400 चार पहिया एवं 400 दो पहिया वाहन क्षमता की डेढ़ लाख वर्गफुट क्षेत्र में पार्किंग विकसित की जाएगी।
द्वितीय चरण में होगा संजीवनी पथ का विकास
द्वितीय चरण में रामटेकरी पर्वत की परिक्रमा के लिए संजीवनी पथ का विकास, अष्टसिद्धि केंद्र एवं संस्कृत विद्यालय, योगशाला प्रवचन हॉल एवं ओपन एयर थियेटर, जाम नदी पर घाट निर्माण, वॉटर फ्रंट पाथ वे एवं सिटिंग एरिया, भक्त निवास, भोजनालय तथा गौ-शाला का निर्माण होगा।