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बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों पर कड़ा कानून, महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं की सुरक्षा को दी प्राथमिकता, सख्त कानूनों से लेकर ‘लखपति दीदी’ योजना तक कई बड़े कदम उठाए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को सबसे ऊपर रखा है और अपराधों को रोकने के लिए कड़े कानून बनाए हैं। साथ ही, बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान भी किया गया है। गुजरात के नवसारी जिले के वंसी बोरसी गांव में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब महिलाओं के नेतृत्व में विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “जब कोई लड़की देर से घर लौटती है तो माता-पिता सवाल करते हैं, लेकिन लड़कों से नहीं पूछते…उन्हें भी पूछना चाहिए। पिछले 10 सालों में हमने महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और अपराधों को रोकने के लिए कड़े नियम बनाए हैं।”

महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त कानून और त्वरित न्याय

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उनकी सरकार ने बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों के लिए कानून बदलकर फांसी की सजा का प्रावधान किया है। इसके अलावा, ऐसे मामलों में जल्द से जल्द न्याय दिलाने के लिए देशभर में 800 से अधिक फास्ट-ट्रैक अदालतें स्थापित की गई हैं। नए भारतीय न्याय संहिता (BNS) में महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत किया गया है। इस कानून में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर विशेष ध्यान दिया गया है। पहले जहां न्याय मिलने में देरी होती थी, वहीं अब यह सुनिश्चित किया गया है कि बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों में 60 दिनों के भीतर आरोप तय किए जाएं और 45 दिनों के भीतर फैसला सुनाया जाए। अब कोई भी महिला ई-एफआईआर दर्ज करा सकती है, जिससे पुलिस तुरंत कार्रवाई कर सके। साथ ही, “जीरो एफआईआर” का प्रावधान किया गया है, जिससे किसी भी महिला को कहीं भी शिकायत दर्ज कराने का अधिकार मिला है। उन्होंने यह भी बताया कि अब पुलिस पीड़ित महिलाओं के बयान ऑडियो-वीडियो माध्यम से रिकॉर्ड कर सकती है, जिसे कानूनी मान्यता दी गई है। इसके अलावा, डॉक्टरों को मेडिकल रिपोर्ट सात दिनों के भीतर सौंपने का निर्देश दिया गया है ताकि पीड़िताओं को न्याय मिलने में देरी न हो। प्रधानमंत्री ने उदाहरण देते हुए बताया कि सूरत में हुए एक सामूहिक दुष्कर्म मामले में 15 दिनों के भीतर आरोप तय कर दिए गए और कुछ ही हफ्तों में दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

महिलाओं का सम्मान और सशक्तिकरण सरकार की प्राथमिकता

मोदी ने कहा कि उनके लिए महिलाओं का आशीर्वाद सबसे बड़ी ताकत और सुरक्षा कवच है। “मैं दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति हूं। कुछ लोगों को यह सुनकर अजीब लग सकता है, लेकिन मैं यह पैसे की वजह से नहीं बल्कि करोड़ों माताओं, बहनों और बेटियों के आशीर्वाद के कारण कहता हूं।” उन्होंने कहा कि महिलाओं का सम्मान और सुविधाओं की उपलब्धता सरकार की प्राथमिकता है। “हमने करोड़ों शौचालय बनवाए ताकि महिलाओं को सम्मान मिले। हमने तीन तलाक के खिलाफ कड़ा कानून बनाकर लाखों मुस्लिम महिलाओं का जीवन बचाया।” प्रधानमंत्री ने कहा कि गांवों की महिलाएं सशक्त होंगी तो देश भी मजबूत होगा। “महात्मा गांधी कहते थे कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। मैं यह जोड़ना चाहूंगा कि ग्रामीण भारत की आत्मा वहां की महिलाओं में बसती है।”

‘लखपति दीदी’ योजना से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल

मोदी ने बताया कि भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। आज देश में 10 करोड़ से ज्यादा महिलाएं 90 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के जरिए अपनी आजीविका चला रही हैं, जिनमें से गुजरात में ही 3 लाख SHGs हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने इन महिलाओं की आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य रखा है और ‘लखपति दीदी’ योजना के तहत अगले 5 वर्षों में 3 करोड़ महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक 1.5 करोड़ महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हो चुकी हैं। इस योजना के तहत वे महिलाएं जो खेती, पशुपालन और लघु उद्योगों के जरिए सालाना 1 लाख रुपये या उससे अधिक कमाती हैं, उन्हें ‘लखपति दीदी’ का दर्जा दिया जाता है

महिला दिवस पर प्रधानमंत्री ने 2.5 लाख महिलाओं को 450 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी

प्रधानमंत्री मोदी ने नवसारी जिले में महिलाओं के साथ ‘प्रेरणा संवाद’ किया और उनसे उनकी सफलता की कहानियां सुनीं। इस कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और नवसारी के सांसद सी.आर. पाटिल भी मौजूद थे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने देशभर के 25,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों की 2.5 लाख महिलाओं को 450 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता वितरित की। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया और पूरे आयोजन स्थल पर केवल महिला पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया

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