![तहव्वुर हुसैन राणा: पाकिस्तान कनेक्शन और हेडली के साथ जुड़ी आतंकवादी साजिश 1](/wp-content/uploads/2025/01/Tahawwur-Hussain-Rana-Pakistan-connection-and-terror-plot-linked-with-Headley.png)
मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता अब साफ हो गया है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा के भारत भेजे जाने की अनुमति दे दी है और उसकी सजा के खिलाफ की गई याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही राणा को भारत लाने में अब कोई कानूनी रुकावट नहीं रह गई है।
तहव्वुर हुसैन राणा कौन हैं? तहव्वुर हुसैन राणा, 63 साल का पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। वह पाकिस्तान आर्मी में एक डॉक्टर रह चुका है। 1990 के दशक में वह कनाडा चला गया और वहां की नागरिकता ली। इसके बाद उसने अमेरिका का रुख किया और शिकागो में इमिग्रेशन कंसल्टेंसी फर्म “फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज” खोली। राणा का दोस्त डेविड हेडली था, जो मुंबई आतंकी हमले की साजिश में शामिल था। हेडली ने मुंबई के प्रमुख स्थलों की रेकी की और राणा की फर्म का उपयोग किया। इस मामले में राणा पर आरोप था कि उसने हेडली की मदद की थी।
मुंबई हमलों में राणा की भूमिका 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले में राणा की भूमिका मुख्य रूप से डेविड हेडली को सहायता देने से जुड़ी थी। हेडली ने ताज महल होटल और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस जैसे प्रमुख स्थानों की रेकी की और इन स्थलों पर हमला करने के लिए राणा की इमिग्रेशन कंसल्टेंसी का सहारा लिया। इसके अतिरिक्त, राणा ने 2005 में डेनिश समाचार पत्र पर हमले की साजिश में भी मदद की थी, जिसमें विवादित पैगंबर मोहम्मद के कार्टून प्रकाशित हुए थे।
राणा और हेडली का कनेक्शन तहव्वुर राणा, डेविड हेडली का बचपन का दोस्त था। अक्टूबर 2009 में अमेरिकी अधिकारियों ने शिकागो से राणा को गिरफ्तार किया। हेडली को अमेरिकी अदालत ने 24 जनवरी 2013 को मुंबई हमलों में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया और उसे 35 साल की सजा सुनाई। राणा ने पाकिस्तान के हसन अब्दाल कैडेट स्कूल में पढ़ाई की थी, जहां हेडली भी कुछ सालों तक पढ़ा था।
राणा की सजा और वर्तमान स्थिति 2011 में अमेरिका में राणा का मुकदमा चला, और उसे लश्कर-ए-तैयबा को सहायता देने का दोषी पाया गया। हालांकि, अमेरिकी जूरी ने उसे मुंबई हमलों में सीधे तौर पर शामिल होने से बरी कर दिया। राणा को 14 साल की सजा और पांच साल की निगरानी अवधि दी गई। राणा के वकील का कहना था कि हेडली ने उसे धोखे से आतंकवादी गतिविधियों में मदद करने के लिए मजबूर किया था। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने अब राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। राणा ने इसे रोकने के लिए कई कानूनी प्रयास किए, लेकिन अमेरिकी अदालतों में हारने के बाद उसका प्रत्यर्पण अब तय हो चुका है। फिलहाल, राणा लॉस एंजिलिस की जेल में बंद है।
मुंबई पर हुआ आतंकी हमला 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए इस आतंकी हमले में छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे। हमलावरों में 10 पाकिस्तानी आतंकवादी थे जिन्होंने 60 घंटे से अधिक समय तक मुंबई के प्रमुख स्थानों पर हमले किए और वहां आतंक मचाया।