अखिलेश का आरोप – बाज़ार की गिरावट से आम लोग बर्बाद हो रहे, केंद्र सरकार की लापरवाही

बाज़ार में गिरावट पर बोले अखिलेश यादव – आम लोगों का पैसा डूब रहा, अर्थव्यवस्था डूबने के कगार पर, इसके लिए केंद्र सरकार ज़िम्मेदार समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि देश के बाज़ारों में आ रही गिरावट पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है क्योंकि इससे आम लोगों की मेहनत की कमाई डूब रही है और इसका असर पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि अगर यही हालात रहे तो बाज़ार के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था भी डूब सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर हिंदी में पोस्ट करते हुए केंद्र सरकार को इस “दोहरी मार” वाली आर्थिक हालत के लिए ज़िम्मेदार ठहराया। शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत समेत कई देशों पर भारी टैरिफ (27 प्रतिशत तक) लगाने के एलान के बाद भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई। यह कदम अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने और घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया। अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में लिखा, “देश के शेयर बाज़ार में लाखों करोड़ का नुकसान हुआ है, इस पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है। आम लोगों ने जो थोड़ी-बहुत बचत करके शेयर बाज़ार में लगाया था — जिससे वे चीज़ें खरीदते हैं, ज़रूरतें पूरी करते हैं, गाड़ियाँ या ज़मीन लेते हैं — वो पैसा अब डूब रहा है।”
“यही पैसा बाज़ार की खरीद-फरोख्त और पूरी अर्थव्यवस्था को चलाता है। अगर आम आदमी का पैसा शेयर बाज़ार में डूबता है, तो इससे पूरा बाज़ार और देश की अर्थव्यवस्था दोनों पर असर पड़ता है।” शुक्रवार को BSE सेंसेक्स में 900 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई, और यह 76,000 के नीचे गिर गया। इस गिरावट से निवेशकों को करीब 10 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सेंसेक्स 930.67 अंक या 1.22% गिरकर 75,364.69 पर बंद हुआ। शेयरों में इस गिरावट की वजह से BSE में लिस्टेड कंपनियों का बाज़ार पूंजीकरण करीब 9,98,379 करोड़ रुपये घटकर 4,03,34,886 करोड़ रुपये रह गया (करीब 4.73 ट्रिलियन डॉलर)। अखिलेश यादव ने आगे कहा, “आज के युवा अपनी मेहनत की कमाई और बचत को शेयर बाज़ार में निवेश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें इस अनिश्चित माहौल का शिकार होना पड़ रहा है। यह देश के पूंजी बाज़ार के भविष्य के लिए बहुत चिंताजनक स्थिति है।” उन्होंने कहा, “जब युवा ही नुकसान झेलेंगे, तो वे शेयर या किसी भी निवेश से दूरी बनाने लगेंगे, जो बाज़ार के भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है।”
वहीं दूसरी तरफ, उन्होंने यह भी कहा कि देश में ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके पास ना पैसा है, ना नौकरी। नोटबंदी और मंदी के बाद से बेरोजगारी और भूख से जूझ रहे लोग सिर्फ बाज़ार की हलचल और उसमें मिलने वाले छोटे-मोटे कामों से ही अपना गुज़ारा करते हैं। “इसलिए शेयर बाज़ार में आई गिरावट का लंबे समय तक उनके जीवन पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है,” उन्होंने कहा। अखिलेश ने कहा, “कड़वी सच्चाई यह है कि अगर देश के सिर्फ 1% अमीर लोगों को छोड़ दें, तो बाकी 99% आम लोगों पर शेयर बाज़ार की तबाही का सीधा या परोक्ष असर पड़ रहा है।” अंत में उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “बीजेपी सरकार सिर्फ इस दोहरी मार वाली आर्थिक स्थिति की ज़िम्मेदार ही नहीं, बल्कि दोषी भी है। आज निवेशक खुद कह रहे हैं – हमें बीजेपी नहीं चाहिए!”