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बीजेपी विधायकों का विधानसभा में विरोध, ममता सरकार पर धार्मिक भेदभाव का आरोप

बंगाल विधानसभा में BJP विधायकों का धरना, ममता सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप

पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को बीजेपी विधायकों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए धरना दिया। शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में करीब 30 बीजेपी विधायक विधानसभा भवन के मुख्य द्वार की सीढ़ियों पर बैठकर विरोध जताने लगे। वे नारे लगा रहे थे- “मूर्ति तोड़ने वाली सरकार हमें नहीं चाहिए!” यह विरोध ऐसे समय में हुआ जब एक दिन पहले ही बीजेपी के चार विधायकों—शुभेंदु अधिकारी, अग्निमित्रा पॉल, बंकिम घोष और विश्वनाथ करक—को सदन में हंगामा करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था।

मीडिया से बात करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “हम किसी समुदाय के खिलाफ नहीं हैं। हमारी लड़ाई इस सरकार के खिलाफ है, जिसने बंगाल में दुर्गा, लक्ष्मी और कार्तिक की मूर्तियों को तोड़े जाने से नहीं रोका।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने स्कूल-कॉलेजों में सरस्वती पूजा को रोकने की कोशिश की, लेकिन दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की। अधिकारी ने कहा कि बीजेपी के विधायक विधानसभा के बाहर समानांतर सत्र आयोजित करेंगे, जिसमें राज्य सरकार के खिलाफ आम जनता से जुड़े मुद्दों को उठाया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार बहुसंख्यक समुदाय के त्योहारों को दबाने का प्रयास कर रही है। स्पीकर द्वारा उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव स्वीकार करने पर अधिकारी ने कहा, “मुझे इस सदन ने पहले भी तीन-चार बार निलंबित किया है। मेरे खिलाफ पहले भी विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव लाए गए हैं। इसकी वजह यही है कि मैं लगातार तृणमूल सरकार की तुष्टीकरण की राजनीति, भ्रष्टाचार और लोकतंत्र को दबाने की कोशिशों के खिलाफ आवाज उठाता आया हूं। लेकिन वे मुझे चुप नहीं करा सकते।”

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