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ऑपरेशन सिंदूर पर BJP का वीडियो पोस्ट: क्या राष्ट्रीय एकजुटता के मौके पर राजनीति सही है?

जब देश एक है, तो राजनीति क्यों?

देश जब एकजुट होकर सेना और सरकार का साथ दे रहा है, ऐसे में बीजेपी के सोशल मीडिया पोस्ट ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। पोस्ट में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का श्रेय लेते हुए कांग्रेस नीत यूपीए सरकार पर निशाना साधा गया है। बीजेपी का दावा है कि यूपीए सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कभी सख्त कदम नहीं उठाए, जबकि मोदी सरकार ने साफ संदेश दिया है कि अब कोई समझौता नहीं होगा।

विपक्ष का विरोध: क्या ये राजनीति का समय है?

विपक्षी दलों को ये बयान बेहद गलत समय पर दिया गया राजनीतिक हथकंडा लग रहा है, जिससे जनता को बांटा जा रहा है। कांग्रेस और राजद ने इस पोस्ट को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और सवाल उठाया है कि क्या अभी राजनीति करने का समय है या फिर देश को एकजुट होने का संदेश देना चाहिए? सीपीआई(एम) ने भी चुनाव आयोग को आगाह किया है कि बीजेपी इस ऑपरेशन का चुनावी फायदा उठा सकती है। विपक्ष का मानना है कि इस तरह के बयान से देश की एकता को नुकसान पहुंच सकता है और वर्तमान संवेदनशील परिस्थितियों में यह बेहद अनुचित है। उनका कहना है कि देश को एकजुट रहने की जरूरत है, न कि राजनीतिक बंटवारे की।

सोशल मीडिया वीडियो ने बढ़ाया विवाद

बीजेपी ने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें यूपीए सरकार के समय हुए आतंकवादी हमलों की तस्वीरें दिखाई गईं और कहा गया कि उस समय कोई जवाबी कार्रवाई नहीं हुई। वीडियो में मनमोहन सिंह की तस्वीर के साथ लिखा था – “कोई बदला नहीं, कोई सबक नहीं।” और नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ – “फिर आया मोदी, अब कोई बात नहीं, कोई शांति नहीं।” शनिवार को एक और वीडियो में यूपीए सरकार पर सवाल उठाए गए कि आखिर पाकिस्तान से बार-बार शांति की बात क्यों की जाती रही। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए और विवाद और बढ़ गया। इससे विपक्ष और भी आक्रोशित हुआ है और उनका मानना है कि यह देश की एकता के लिए हानिकारक है।

विपक्ष का पलटवार: एकजुटता का समय

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सवाल किया कि क्या अभी राजनीति करने का समय है? क्या सरकार को विपक्ष का समर्थन नहीं चाहिए? क्या हमें एकजुटता का संदेश नहीं देना चाहिए? कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि बीजेपी को ये पोस्ट हटा देना चाहिए क्योंकि ये न तो सही है और न ही परिपक्वता दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पूरा देश एकजुट है और इस तरह की राजनीति सिर्फ बांटने का काम करती है। उन्होंने 2016 के पठानकोट हमले के बाद पाकिस्तान को जांच में शामिल करने के सरकार के फैसले का भी जिक्र किया जिससे कोई नतीजा नहीं निकला।

राजद की चिंता: प्रधानमंत्री का हस्तक्षेप

राजद सांसद मनोज झा ने भी चिंता जाहिर की और प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की अपील की। उनका कहना है कि पूरा देश सेना और सरकार के साथ है, ऐसे में बीजेपी का सोशल मीडिया पोस्ट दिल दुखाने वाला है। उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक दलों की बात नहीं, बल्कि पूरे भारत की एकता की बात है। इस तरह के पोस्ट से सीमा पार भी गलत संदेश जा सकता है। उनका मानना है कि अभी बहुत नाजुक दौर चल रहा है और राजनीतिक बयानबाजी के लिए समय नहीं है।

निष्कर्ष: परिपक्वता और राष्ट्रीय एकता

इस पूरे विवाद से साफ है कि जब देश गंभीर स्थिति से गुजर रहा हो, तब नेताओं और दलों को शब्दों में परिपक्वता दिखानी चाहिए। राजनीति अपनी जगह है, लेकिन राष्ट्रीय एकता और जनता की भावनाएं उससे कहीं ऊपर हैं।

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