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“दक्षिण राज्यों के खिलाफ BJP की साजिश, परिसीमन बहाना है: मुख्यमंत्री रेवन्त रेड्डी”

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवन्त रेड्डी का केंद्र पर आरोप – ‘दक्षिणी राज्यों के खिलाफ साजिश कर रही BJP सरकार’

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवन्त रेड्डी ने गुरुवार को केंद्र की भाजपा सरकार पर दक्षिणी राज्यों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोकसभा सीटों के परिसीमन के नाम पर दक्षिण भारत को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि यहां बीजेपी को पैर जमाने का मौका नहीं मिला। रेड्डी ने यह बयान तब दिया जब उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के आमंत्रण को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार किया। स्टालिन ने 22 मार्च को चेन्नई में एक बैठक बुलाई है, जिसमें उन राज्यों के मुख्यमंत्री और नेता शामिल होंगे जो परिसीमन से प्रभावित हो सकते हैं। यह आमंत्रण डीएमके सांसद कनिमोझी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने रेड्डी को सौंपा।

रेड्डी ने कहा, “तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने मुझे परिसीमन को लेकर 22 मार्च को चेन्नई में होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। सैद्धांतिक रूप से मैंने इस बैठक में जाने की सहमति दे दी है, लेकिन मुझे पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से अनुमति लेनी होगी।”

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार दक्षिणी राज्यों के खिलाफ षड्यंत्र कर रही है। “यह परिसीमन नहीं, बल्कि दक्षिण भारत को सीमित करने की चाल है। हम इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे। बीजेपी सिर्फ इसलिए ऐसा कर रही है क्योंकि दक्षिण भारत ने उसे बढ़ने का मौका नहीं दिया। यह बदले की राजनीति है,” रेड्डी ने कहा।

रेड्डी ने आगे कहा कि “दक्षिणी राज्य उत्तर भारत की तुलना में ज्यादा टैक्स जमा करते हैं, हम ज्यादा उद्यमशील हैं, हम देश के विकास में बड़ी भूमिका निभाते हैं। फिर भी, हमारे साथ भेदभाव किया जा रहा है।” उन्होंने दावा किया कि दक्षिण भारत में बीजेपी पूरी तरह से विफल रही है। “केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में बीजेपी की कोई मजबूत पकड़ नहीं है। यहां तक कि कर्नाटक में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा।” गौरतलब है कि इससे पहले इस महीने स्टालिन ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पंजाब समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर चेन्नई में होने वाली बैठक के लिए आमंत्रित किया था। इस बैठक में परिसीमन के मुद्दे से निपटने के लिए एक संयुक्त कार्य समिति (JAC) बनाने पर चर्चा होगी।

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