
मध्यप्रदेश के सीहोर ज़िले के भेरूंदा कस्बे के बाज़ार में शनिवार रात अचानक आग लग गई, जिसमें करीब छह दुकानें जलकर खाक हो गईं। आग बुझाने की कोशिश में नगर पंचायत अध्यक्ष भी घायल हो गए। अफ़सरों ने रविवार को बताया कि भेरूंदा नगर पंचायत की फायर ब्रिगेड की गाड़ी इस घटना के वक़्त ख़राब हो गई और वक़्त पर मौक़े पर नहीं पहुँच पाई, जिस वजह से अब इस पूरे मामले की जाँच शुरू कर दी गई है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस का आरोप है कि हादसे के तीन घंटे बाद तक भी फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौक़े पर नहीं पहुँची। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र में सुविधाओं की हालत पर सवाल उठाए हैं, क्योंकि भेरूंदा कस्बा उन्हीं के क्षेत्र में आता है। पुलिस अधीक्षक दीपक शुक्ला ने बताया कि शनिवार रात करीब 8:30 बजे भेरूंदा के मुख्य बाज़ार में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लग गई। इस आग में करीब आधा दर्जन दुकानें पूरी तरह जल गईं, वहीं पास के दो मकानों को भी नुक़सान पहुँचा। भेरूंदा नगर पंचायत अध्यक्ष मारुति शिशिर ने बताया कि आग बुझाने की कोशिश के दौरान उन्हें चोट लग गई। उन्होंने ख़ुद मौक़े पर मौजूद रहकर आग बुझाने में मदद की। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है और आगे की जाँच चल रही है। ज़िला कलेक्टर ने बताया कि भेरूंदा नगर पंचायत की फायर ब्रिगेड गाड़ी मौक़े पर इसलिए नहीं पहुँच पाई क्योंकि वह ख़राब हो गई थी।
कलेक्टर ने बताया कि इस मामले की जाँच के लिए एसडीएम को ज़िम्मेदारी दी गई है और नगर पंचायत को नोटिस भी भेजा जाएगा। हालाँकि, पास के इलाक़ों से फायर ब्रिगेड की टीम तुरंत मौक़े पर भेजी गई, जिसने आग पर क़ाबू पा लिया। भेरूंदा, बुधनी विधानसभा सीट का हिस्सा है, जिसे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लंबे समय तक प्रतिनिधित्व किया और यह उनके मौजूदा लोकसभा क्षेत्र विदिशा में भी आता है। इस बीच, कांग्रेस पार्टी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि घटना के तीन घंटे बाद तक फायर ब्रिगेड की गाड़ी नहीं पहुँची। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि उन्हें शनिवार रात करीब 11 बजे इस हादसे की जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने सीहोर के कलेक्टर से बात की, जिन्होंने बताया कि आग बुझा दी गई है और स्थिति अब नियंत्रण में है। सिंह ने यह भी बताया कि उन्होंने एसडीएम से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई। उन्होंने लिखा, “सवाल यह है कि अगर बुधनी जैसी विधानसभा सीट, जहाँ मुख्यमंत्री ख़ुद 18 साल तक रहे और जो अब देश के कृषि मंत्री हैं, वहाँ ऐसी स्थिति है, तो फिर बाक़ी प्रदेश का क्या हाल होगा?”