
India-US: इस महीने के आखिर में भारत आ सकते हैं अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जे. डी. वांस और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज। सूत्रों के मुताबिक, ये दोनों नेता 21 से 25 अप्रैल के बीच भारत आ सकते हैं। हालांकि, इस दौरे की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है। इन संभावित दौरों को भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापारिक बातचीत के लिहाज़ से बहुत अहम माना जा रहा है। जे. डी. वांस के इस दौरे के दो मकसद होंगे। उप-राष्ट्रपति जे. डी. वांस अपने भारत दौरे के दौरान पहले आधिकारिक मुलाकातें और बैठकें करेंगे। इसके बाद वह एक निजी दौरे पर अपनी पत्नी के परिवार से मिलने जाएंगे। दरअसल, उनकी पत्नी उषा वांस भारतीय मूल की हैं और उनके रिश्तेदार भारत में रहते हैं। अमेरिका के एनएसए माइक वाल्ट्ज भी करेंगे भारत यात्रा। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज का इस बार भारत आने का मकसद ‘क्रिटिकल टेक्नोलॉजी’ पर होने वाली पहली उच्च स्तरीय बातचीत में हिस्सा लेना है। पहले इस बातचीत को iCET के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब इसका नाम बदलकर TRUST (Technology Resilience and United States-India Strategic Ties) रख दिया गया है।
एनएसए अजित डोभाल से हो सकती है बातचीत। इस दौरान माइक वाल्ट्ज भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी मुलाकात कर सकते हैं। इसके अलावा, वो भारत सरकार के कुछ अन्य वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों से भी मिल सकते हैं। इन बैठकों में दोनों देश तकनीकी सहयोग को लेकर आगे की रणनीति पर बात करेंगे। टैरिफ को लेकर जारी खींचतान, लेकिन बातचीत का रास्ता खुला। भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ यानी व्यापारिक शुल्क को लेकर लंबे समय से बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस हल नहीं निकल पाया है। दोनों तरफ के सीनियर अधिकारी लगातार इस मुद्दे पर बातचीत कर रहे हैं। भारत की ओर से उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले वक्त में इस पर कोई नतीजा जरूर निकलेगा। ट्रेड डील को लेकर भारत ने रखी अपनी साफ़ बात। टैरिफ पर चल रही बातचीत के बीच भारत ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी तरह के दबाव में आकर कोई फैसला नहीं करेगा। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने दो टूक कहा है कि भारत पर कोई भी समझौता थोपा नहीं जा सकता और हम दबाव में आकर कोई डील नहीं करेंगे। खासकर तब, जब बात देश और उसके नागरिकों के फायदे की हो।