ईरान-इज़राइल टकराव के बीच बोले ट्रंप – “हम जानते हैं खामेनेई कहां छिपे हैं, लेकिन अभी मारना नहीं चाहते”

ट्रम्प का बड़ा ऐलान: खामेनेई का पता चला, लेकिन हमला नहीं!
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान-इज़राइल तनाव के बीच एक बड़ा बयान दिया है जिसने दुनिया भर में हलचल मचा दी है। उन्होंने दावा किया है कि अमेरिका को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई का ठिकाना पता चल गया है, लेकिन फिलहाल हमला करने की कोई योजना नहीं है। ट्रम्प ने कहा कि खामेनेई एक आसान निशाना हैं, लेकिन अमेरिका आम नागरिकों या अपने सैनिकों पर हमले बर्दाश्त नहीं करेगा।
ईरान से बिना शर्त समर्पण की मांग
ट्रम्प ने ईरान से बिना शर्त आत्मसमर्पण करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका अब और इंतजार नहीं करेगा और ईरान को अपना परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से छोड़ना होगा। ट्रम्प ने चेतावनी दी कि उनका सब्र का बांध टूटने वाला है और वे हर हाल में अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। यह बयान ईरान के लिए एक कड़ा संदेश है।
G7 समिट छोड़कर वॉशिंगटन वापसी
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, ट्रम्प ने कनाडा में चल रहे G7 शिखर सम्मेलन को बीच में ही छोड़कर अमेरिका लौट गए। उन्होंने व्हाइट हाउस में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ एक अहम बैठक की। उन्होंने चिंता जताई कि ईरान में हालात बहुत गंभीर हो सकते हैं और 95 लाख लोगों को देश छोड़ देना चाहिए। यह फैसला स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।
इज़राइल को अमेरिका की मदद की दरकार
इज़राइल का मानना है कि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म कर सकता है, लेकिन इसके लिए अमेरिका की मदद ज़रूरी है। खासकर फोर्डो यूरेनियम संयंत्र को नष्ट करने के लिए उन्हें अमेरिकी B-2 बमवर्षक और GBU-57 बम की ज़रूरत है। यह फैसला ट्रंप के लिए राजनीतिक जोखिम से भरा हो सकता है क्योंकि यह सीधा सैन्य हस्तक्षेप का संकेत देता है।
ट्रम्प का सख्त रुख: समझौते की कोई गुंजाइश नहीं
ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने पहले ईरान से बातचीत करने की कोशिश की थी, लेकिन अब उनका मन नहीं है। वे एक स्थायी समाधान चाहते हैं, जिसमें ईरान को अपना परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से छोड़ना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें किसी समझौते की ज़रूरत नहीं है, बल्कि एक ऐसा समाधान चाहिए जो स्थायी हो। यह एक कठोर रुख है जो बातचीत की संभावना को कम करता है।
अमेरिका की सैन्य तैयारी तेज
ईरान-इज़राइल संघर्ष के बीच अमेरिका ने अपने युद्धपोत और सैन्य विमान क्षेत्र में भेज दिए हैं। ट्रम्प के तीखे बयान और सैन्य तैयारी से साफ है कि अमेरिका सीधे हस्तक्षेप की ओर बढ़ रहा है। रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने टीवी पर कहा कि अमेरिका ‘शांति के लिए ताकत’ दिखा रहा है, लेकिन पूरी तरह से तैयार है। यह सैन्य तैयारी तनाव को और बढ़ा सकती है।
युद्धविराम नहीं, बेहतर समाधान की चाह
जब पत्रकारों ने ट्रम्प से युद्धविराम के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि वे युद्धविराम से बेहतर समाधान चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर ईरान बातचीत नहीं करता, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने उपराष्ट्रपति और विशेष दूत को ईरान भेजने की बात भी कही। यह संकेत देता है कि ट्रम्प अभी भी कूटनीतिक समाधान की उम्मीद रखते हैं।
ट्रम्प समर्थकों में मतभेद
ट्रम्प के समर्थकों में इस मुद्दे पर मतभेद हैं। कुछ का मानना है कि अमेरिका को और युद्धों में नहीं उलझना चाहिए, जबकि कुछ का कहना है कि ट्रम्प को ईरान के खिलाफ कड़ा कदम उठाना चाहिए और इज़राइल का साथ देना चाहिए। यह मतभेद ट्रम्प की नीतियों पर बहस को दर्शाता है।