
तमिलनाडु चुनाव: बीजेपी का नया दांव – पवन कल्याण का जादू!
बीजेपी ने तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में जीत के लिए एक नई रणनीति बनाई है, जिसमें आंध्र प्रदेश के स्टार, पवन कल्याण, अहम भूमिका में हैं। तमिलनाडु में बड़ी संख्या में तेलुगु भाषी लोग रहते हैं, और बीजेपी को उम्मीद है कि पवन कल्याण का प्रभाव वोटों में बढ़ोतरी करेगा।
पवन कल्याण का ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का समर्थन
पवन कल्याण ने हाल ही में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के समर्थन में जोरदार भाषण दिया। उन्होंने कहा कि इससे देश के संसाधनों की बचत होगी और विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा। उन्होंने डीएमके प्रमुख एम.के. स्टालिन से इस नीति का विरोध न करने का आग्रह भी किया।
AIADMK-BJP गठबंधन को मिल सकता है बड़ा फायदा
पवन कल्याण ने कहा है कि अगर AIADMK और बीजेपी चाहें, तो वो चुनाव प्रचार में मदद करने को तैयार हैं। पिछले कुछ महीनों से वो AIADMK प्रमुख एडप्पडी के. पलानीस्वामी के बयानों का समर्थन कर रहे हैं, जिससे उनकी तमिलनाडु में राजनीतिक पकड़ मज़बूत हो रही है।
तमिलनाडु में पवन कल्याण का प्रभाव और राजनीतिक रणनीति
हालांकि, अभी पवन कल्याण पूरी तरह से तमिलनाडु की राजनीति में सक्रिय नहीं हुए हैं। वो अभी हालात का जायजा ले रहे हैं। लेकिन बीजेपी को उम्मीद है कि वो तेलुगु मतदाताओं को प्रभावित करके गठबंधन को मज़बूत करेंगे। पवन कल्याण तमिल भाषा में भी सहज हैं, जिससे उन्हें स्थानीय लोगों से जुड़ने में आसानी होगी।
सनातन धर्म पर बयान और हिंदू मतदाताओं का समर्थन
उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर दिए गए बयान की पवन कल्याण ने आलोचना की और भगवान मुरुगन के मंदिरों का दौरा किया। बीजेपी को उम्मीद है कि इससे हिंदू मतदाताओं का समर्थन मिलेगा।
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के फायदे
पवन कल्याण का मानना है कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ से देश का समय और पैसा बचेगा। उन्होंने कहा कि हर पांच साल में लगभग 800 दिन चुनावों में ही निकल जाते हैं, जिससे विकास कार्यों की गति धीमी हो जाती है।
करुणानिधि का जिक्र और स्टालिन से अपील
पवन कल्याण ने अपने भाषण में एम.के. स्टालिन से ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का विरोध न करने का आग्रह किया और उनके पिता करुणानिधि के विचारों को याद दिलाया जिन्होंने एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया था।