
प्रियंका गांधी वाड्रा इस बार बुधवार को होने वाले एआईसीसी अधिवेशन में शामिल नहीं होंगी, क्योंकि वो देश से बाहर हैं और अपने एक रिश्तेदार की तबीयत को लेकर उनके साथ हैं, जिन्हें मेडिकल मदद की ज़रूरत है। इससे पहले भी वो कांग्रेस की विस्तारित कार्यसमिति की बैठक में शामिल नहीं हुई थीं, जिसमें तीन प्रस्तावों पर चर्चा हुई थी, जिनमें से दो एआईसीसी अधिवेशन से जुड़े थे। जब मीडिया ने उनकी गैर-मौजूदगी को लेकर सवाल किया तो कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि प्रियंका ने पहले ही पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से संसद के बजट सत्र के आख़िरी हिस्से और एआईसीसी अधिवेशन से छुट्टी की इजाज़त ले ली थी। उन्होंने कहा, “उन्होंने पहले ही बता दिया था कि वो इन दोनों बैठकों में शामिल नहीं हो पाएंगी, क्योंकि पहले से ही विदेश में कुछ ज़रूरी काम तय थे। पार्टी ने उन्हें छुट्टी दे दी है।” प्रियंका की संसद में गैरहाज़िरी खास तौर पर तब चर्चा में आ गई जब लोकसभा में वक्फ (संशोधन) बिल 2025 पर बहस और वोटिंग हुई। इस मुद्दे पर उनकी अनुपस्थिति को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ, क्योंकि वो जिस केरल से सांसद चुनी गई हैं, वहां की कई मुस्लिम संगठनों ने इस पर सवाल उठाए। कांग्रेस की सहयोगी पार्टी मुस्लिम लीग ने भी उनकी गैर-मौजूदगी पर चिंता ज़ाहिर की थी।