
राहुल गांधी : रोजाना पेपर लीक से हो रहा युवाओं का अधिकार छीनने का प्रयास राहुल गांधी का आरोप लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को बीजेपी शासित राज्यों में हो रही परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाओं को युवाओं के अधिकार छीनने का हथियार करार दिया। उन्होंने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) परीक्षा में हुई अनियमितताओं के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों की आवाज़ संसद में उठाई जाएगी। कुछ दिनों पहले, राहुल गांधी पटना में लगभग महीने भर से चल रहे आंदोलन के स्थल पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने छात्रों के साथ समय बिताया। इस मुलाकात का वीडियो उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर साझा किया।
छात्रों के दर्द को संसद तक पहुंचाने का वादा राहुल गांधी ने वीडियो के साथ हिंदी में एक पोस्ट साझा करते हुए बताया कि उन्होंने बिहार के “BPSC परीक्षा घोटाले” से प्रभावित छात्रों से गंभीर मुद्दों पर चर्चा की। इन छात्रों ने उन्हें पेपर लीक और परीक्षा घोटाले का पूरा जाल समझाया। गांधी ने कहा, “चाहे छात्रों को प्रश्न पत्र मिले या नहीं, वे सोशल मीडिया पर जरूर वायरल हो जाते हैं। छात्रों को नॉर्मलाइजेशन और स्केलिंग जैसे जटिल चक्रों में फंसाया जाता है, जिससे वे अपने अंकों के आधार पर रोजगार की गारंटी तक नहीं जान पाते।” उन्होंने बताया कि गांधीवादी तरीके से विरोध कर रहे इन छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और उन पर जबरदस्ती कई केस दर्ज किए गए।
‘मैं इन एकलव्यों का अंगूठा नहीं कटने दूंगा’: राहुल गांधी राहुल गांधी ने कहा, “28 परीक्षा केंद्रों में गड़बड़ी हुई, लेकिन सरकार इसे मानने को तैयार नहीं। यह वीडियो उन हजारों छात्रों की आवाज है, जो न्याय और पुनर्परीक्षा की मांग कर रहे हैं। मैंने उनसे वादा किया है कि उनकी मांगें संसद में उठाऊंगा। यह सिर्फ बिहार की नहीं, बल्कि पूरे देश की समस्या है। यह हर उस युवा की समस्या है, जो अपने सपनों के लिए मेहनत कर रहा है।” वीडियो में छात्रों ने राहुल गांधी को बताया कि कैसे प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गए और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने पर पुलिस ने उन्हें बेरहमी से पीटा। छात्रों के समर्थन में राहुल गांधी शनिवार को राहुल गांधी ने पटना में अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम खत्म करने के बाद आंदोलनकारी छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। छात्रों ने उनसे आग्रह किया कि वे गर्दनीबाग जाकर आंदोलन कर रहे छात्रों का समर्थन करें। गौरतलब है कि 13 दिसंबर को बिहार में 900 से ज्यादा केंद्रों पर आयोजित परीक्षा में 4 लाख से अधिक छात्र शामिल हुए थे। इस दौरान सैकड़ों छात्रों ने पेपर लीक का आरोप लगाते हुए परीक्षा का बहिष्कार किया। हालांकि, BPSC ने इन आरोपों को खारिज कर दिया लेकिन पटना के बापू परीक्षा परिसर में परीक्षा देने वाले 12,000 से अधिक उम्मीदवारों के लिए पुनर्परीक्षा का आदेश दिया। इससे अन्य छात्रों में नाराजगी फैल गई, जिन्होंने इसे “समान अवसर” न मिलने की बात कही।