
पीएमके में फिर सियासी हलचल, रामदास ने कमान पूरी तरह संभाली, कार्यकर्ताओं की चाह- अन्बुमणि लौटें अध्यक्ष पद पर पीएमके के संस्थापक और अध्यक्ष एस. रामदास अपने फैसले पर अडिग नजर आ रहे हैं कि अब पार्टी की पूरी कमान वे खुद संभालेंगे। हालांकि पार्टी के कुछ सीनियर नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनसे अपील की है कि उनके बेटे अन्बुमणि रामदास को एक बार फिर पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाए। पीएमके के वरिष्ठ नेता जी.के. मणि ने रामदास के इस फैसले को “अचानक और चौंकाने वाला” बताया। उन्होंने कहा कि 2026 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी को एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरना चाहिए। उन्होंने कहा, “मैं लगभग 45 सालों से अय्या (डॉ. एस. रामदास) के साथ हूं। उनका ये फैसला वाकई अचानक आया। मेरी यही ख्वाहिश है कि अय्या और चिन्ना अय्या (अन्बुमणि) आपस में बातचीत से इस मुद्दे को सुलझाएं और पार्टी को एकजुट रखकर 2026 का चुनाव लड़ें।”
दरअसल, 10 अप्रैल को रामदास ने खुद ये ऐलान किया कि वो अब पार्टी की पूरी ज़िम्मेदारी खुद संभालेंगे और अन्बुमणि को कार्यकारी अध्यक्ष की भूमिका में रखा जाएगा। उन्होंने कहा था कि ये बदलाव अगले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किया गया है। पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य के मुताबिक, अन्बुमणि, जो पहले केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं, इस फैसले से खुश नहीं हैं। वो उम्मीद कर रहे थे कि बतौर अध्यक्ष उन्हें पार्टी में और बड़ी भूमिका निभाने का मौका मिलेगा। इस नेता ने ये भी दावा किया कि पार्टी के कुछ कार्यकर्ता और रामदास परिवार के कुछ सदस्य, जो खुद भी पीएमके से जुड़े हैं, चाहते हैं कि अन्बुमणि को फिर से पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाए। जी.के. मणि ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “मैंने फैसले के तुरंत बाद वरिष्ठ रामदास से अपनी बात रखने की कोशिश नहीं की क्योंकि मुझे डर था कि कहीं वो नाराज़ न हो जाएं।”