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केरल की सियासत में उठे ‘स्मार्ट रोड’ विवाद के पीछे क्या है सच्चाई? पढ़िए पूरा मामला

केरल में सियासी संग्राम: क्या है सीएम विजयन के कार्यक्रम में गैर-हाजिरी की असली वजह?

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के हाल ही में हुए स्मार्ट सिटी रोड प्रोजेक्ट के उद्घाटन समारोह में शामिल न होने से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। क्या ये सिर्फ स्वास्थ्य कारण थे या कुछ और राजनीतिक खेल चल रहा है? आइए, जानते हैं पूरी कहानी।

62 सड़कों का हुआ उद्घाटन, लेकिन सीएम कहाँ?

इस कार्यक्रम में 62 नई सड़कों का उद्घाटन किया गया, जिनमें से 12 स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनाई गई थीं। ये सड़कें स्थानीय निकायों, राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से बन पाई हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी ने इस खुशी के मौके पर सवालिया निशान लगा दिया। लोक निर्माण मंत्री और श्रम मंत्री इस समारोह में मौजूद थे।

सेहत का हवाला या राजनीतिक चाल?

मुख्यमंत्री ने पहले 16 मई को कार्यक्रम में शामिल होने की बात कही थी, लेकिन आखिरी समय में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कार्यक्रम से अपना नाम वापस ले लिया। इससे कई तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं। क्या ये वाकई स्वास्थ्य कारण थे या फिर कुछ और राजनीतिक कारण थे?

सरकार का दावा: अफवाहें और छवि बिगाड़ने की कोशिश

मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है कि मीडिया में चल रही अटकलें पूरी तरह से बेबुनियाद हैं और सरकार की छवि खराब करने की कोशिश है। सीएम उस दिन कई कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो पाए, सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से।

मंत्री एम बी राजेश ने भी किया खंडन

स्थानीय स्वशासन मंत्री एम बी राजेश ने भी कहा है कि उन्हें कार्यक्रम में अनदेखा किए जाने की कोई शिकायत नहीं है। उनका कहना है कि वे उस समय एक और महत्वपूर्ण बैठक में व्यस्त थे।

क्या मोहम्मद रियास को मिल रहा है ज्यादा महत्व?

इस पूरे मामले ने राज्य में यह चर्चा और तेज कर दी है कि क्या मोहम्मद रियास को सरकार में ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। कुछ लोगों का मानना है कि उन्हें सरकारी कामों में तरजीह दी जा रही है।

राजनीतिक नियुक्तियां और अटकलें

हाल ही में सीएम ने एक पूर्व विधायक को अपना निजी सचिव नियुक्त किया है। इससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि इसका मकसद कोझिकोड जिले में रियास को ज्यादा राजनीतिक प्रभाव देना है।

बीजेपी का आरोप: केंद्र की भूमिका को नजरअंदाज

बीजेपी ने भी इस कार्यक्रम पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार के पैसे से बने प्रोजेक्ट में केंद्र सरकार के किसी मंत्री को नहीं बुलाया गया, और न ही राज्य में बीजेपी नेताओं को।

निष्कर्ष: राजनीति का खेल?

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के उद्घाटन के बहाने केरल की राजनीति में एक बार फिर अंदरूनी कलह सामने आ गई है। भले ही मुख्यमंत्री और मंत्री इन बातों को खारिज कर रहे हों, लेकिन सियासी गलियारों में कुछ और ही कहानी चल रही है।

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