
सुप्रीम कोर्ट के उस अहम फैसले का स्वागत करते हुए, जिसमें राज्यपालों द्वारा विधानसभा में पास किए गए विधेयकों को मंज़ूरी देने में देरी पर सख़्त टिप्पणी की गई है, केरल सीपीआई(एम) के राज्य सचिव एम. वी. गोविंदन ने शुक्रवार को कहा कि ये केंद्र सरकार की संघीय ढांचे को कमज़ोर करने की कोशिशों पर एक बड़ा झटका है। यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार की याचिका पर आया सुप्रीम कोर्ट का ये फ़ैसला बीजेपी नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के लिए एक चेतावनी है, जो विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों को अपने राजनीतिक हस्तक्षेप से कमज़ोर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला सभी राज्यों में चुनी हुई सरकारों को मिले अधिकारों की रक्षा करता है। साथ ही, तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पास और दोबारा पारित किए गए 10 विधेयकों को ‘मंज़ूरी मानी जाएगी’— कोर्ट का ये रुख़ भारतीय न्याय व्यवस्था के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ता है। गोविंदन ने उम्मीद जताई कि इस फैसले के बाद केरल सरकार की विधानसभा से जुड़े विधेयकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में की गई अपील पर भी सकारात्मक निर्णय आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि ये फ़ैसला केंद्र सरकार की उन कोशिशों पर भी बड़ा असर डालेगा, जिनमें राज्यपालों का सहारा लेकर विपक्षी सरकारों को अस्थिर करने और ‘भगवाकरण’ का एजेंडा आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही थी।