भारत को क्यों मिली टैरिफ से राहत और चीन पर क्यों पड़ा भारी टैक्स? ट्रंप का बड़ा फैसला

ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी में पलटी: चीन को झटका, भारत को राहत डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दुनिया की इकोनॉमी को हिला दिया है। इस बार मामला है इम्पोर्ट टैक्स यानी टैरिफ का। ट्रंप ने चीन पर टैरिफ को सीधे 125% तक बढ़ा दिया है, जबकि भारत समेत 75 देशों को 90 दिनों की राहत दे दी है। इस फैसले के बाद एशिया के शेयर बाजारों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। 10 अप्रैल की सुबह जैसे ही यह खबर आई, टोक्यो, सियोल और सिडनी के मार्केट तेज़ी से ऊपर चढ़े। जापान का निक्केई इंडेक्स तो सीधे 8.3% तक उछल गया। दरअसल, जैसे ही टैरिफ में बदलाव की खबर फैली, इन्वेस्टर्स ने मौके का फायदा उठाते हुए सस्ते शेयर खरीदने शुरू कर दिए। ट्रंप के फैसले का असर शेयर, करंसी और सोने की कीमतों पर भी पड़ा इस टैरिफ ब्रेक का असर सिर्फ शेयर बाजार पर नहीं, बल्कि करंसी और गोल्ड मार्केट पर भी साफ नजर आया। जापानी येन की वैल्यू डॉलर के मुकाबले बढ़ गई और सोना 3,097 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया। यानी ट्रंप के इस फैसले को ग्लोबल लेवल पर पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला।
तो ट्रंप ने चीन पर इतना सख्त टैरिफ क्यों लगाया? ट्रंप का कहना है कि चीन इंटरनेशनल ट्रेड में फेयर बिहेव नहीं कर रहा। उन्होंने सोशल मीडिया पर साफ कहा कि अमेरिका अब और बर्दाश्त नहीं करेगा कि कोई भी देश उसकी इकोनॉमी को नुकसान पहुंचाए। इसी वजह से उन्होंने चीन पर भारी टैरिफ लगाने का फैसला लिया। भारत को क्यों मिली छूट? असल में अमेरिका के इंडस्ट्री और इन्वेस्टर्स ट्रंप पर दबाव बना रहे थे कि सभी देशों पर एक जैसे नियम लागू ना हों। ट्रंप ने कहा कि ज़्यादातर देश बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन चीन अब भी टकराव के रास्ते पर है। भारत ने ट्रंप की पॉलिसी पर कोई जवाबी टैक्स नहीं लगाया और शांतिपूर्वक बातचीत का रुख अपनाया। यही वजह है कि भारत को छूट की लिस्ट में रखा गया। क्या ये ट्रंप की चुनावी चाल है? ट्रंप के इस कदम को चुनावी रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है। जब अमेरिका में मार्केट गिरे और मंदी की आशंका बढ़ी, तो ट्रंप को मजबूरी में फैसला लेना पड़ा। अब 90 दिनों की छूट देकर उन्होंने बाकी दुनिया को थोड़ा राहत का वक्त दे दिया है। लेकिन चीन को बाहर रखना इस बात का साफ इशारा है कि अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर अब भी जारी है।
ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी का सार:
- 90 दिनों की राहत: भारत समेत 75 देशों पर नए टैरिफ पर अस्थायी रोक।
- चीन को राहत नहीं: चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 125% कर दिया गया।
- कारण: चीन पर ‘अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस’ और अमेरिका से ‘लूट’ के आरोप।
- भारत को फायदा क्यों: भारत ने कोई जवाबी टैरिफ नहीं लगाया और बातचीत का रास्ता अपनाया।
टैरिफ में बढ़ोतरी का सफर:
शुरुआत 10% से हुई थी, फिर 34%, 50%, 104%, और अब 125% तक पहुंच गया।
बाज़ारों पर पड़ा असर:
क्रमांक | देश | इंडेक्स | बढ़त |
---|---|---|---|
1 | जापान | Nikkei 225 | +0.083 |
2 | सियोल | KOSPI | +0.054 |
3 | ऑस्ट्रेलिया | ASX 200 | +0.063 |
4 | न्यूजीलैंड | S&P/NZX 50 | +0.037 |
चीन ने भी दिया जवाब: चीन ने भी अमेरिका से आने वाले प्रोडक्ट्स पर 84% टैरिफ लगा दिया है। साथ ही चीन ने अपने नागरिकों को अमेरिका ट्रैवल को लेकर “जोखिम” की चेतावनी जारी कर दी है। अब आगे क्या? ट्रंप का ये फैसला जहां अमेरिका के इन्वेस्टर्स को राहत देने वाला माना जा रहा है, वहीं यह चुनाव से पहले उनकी एक बड़ी चाल भी हो सकती है। अब निगाहें इस पर हैं कि चीन इसका क्या जवाब देता है। लेकिन फिलहाल भारत के लिए यह कूटनीतिक तौर पर एक बड़ी जीत मानी जा रही है।